शटडाउन के बाद पटरी पर लौटने लगा आरसीएफ का उत्पादन
कोरोना से डर कर घरों में बैठने की बजाए आरसीएफ ने विकटिम प्रस्तिथियों के बावजूद उत्पादन गतिविधियों को शुरू कर न सिर्फ को कोच निर्माण कर भारतीय रेलवे को आपूर्ति को जारी रखा बल्कि इससे कम कर्मचारियों ने अधिक उत्पादन कर इंसेटिव का भी लाभ प्राप्त किया है।
जासं, कपूरथला : कोरोना से डर कर घरों में बैठने की बजाए आरसीएफ ने विकटिम प्रस्तिथियों के बावजूद उत्पादन गतिविधियों को शुरू कर न सिर्फ को कोच निर्माण कर भारतीय रेलवे को आपूर्ति को जारी रखा बल्कि इससे कम कर्मचारियों ने अधिक उत्पादन कर इंसेटिव का भी लाभ प्राप्त किया है। आरसीएफ ने जिला प्रशासन की अनुमति से 23 अप्रैल 2020 को मात्र 33 फीसदी स्टाफ से फैक्ट्री में उत्पादन कार्य फिर से आरम्भ किया और अब आरसीएफ की 75 फीसदी मैनपावर काम पर वापस लौट आई है तथा फैक्ट्री खुलने के पश्चात आरसीएफ का उत्पादन कार्य बड़ी तेज से पटरी पर लौट रहा है। कर्मचारियों को काम पर वापस बुलाने से पहले ही कार्यस्थल पर कोरोना से बचाव संबंधी सभी जरूरी उपाय किए गए। विभिन्न कार्यालयों और दुकानों का सम्पूर्ण सैनिटाइजेशन, प्रवेश और निकास द्वारों पर टच फ्री वॉशबेसिन और साबुन डिस्पेन्सर लगाना, सामाजिक दूरी के साथ कतारें बनाने के लिए मार्किंग करवाना, आरसीएफ परिसर में बाहर से आने वाले वाहनों के सैनिटाइजेशन के लिए सैनिटाइजिंग टनल की स्थापना इत्यादि कर नियमों की मकम्मल तौर पर पालना की गई। प्रारंभिक चरण में आरसीएफ परिसर के अंदर रहने वाले कर्मचारी स्क्रीनिग और परिक्षण के बाद ड्यूटी में शामिल हुए थे। कार्यस्थल पर सभी सुरक्षा सावधानियों का पालन करते हुए और सामाजिक दूरी प्रोटोकॉल को बनाए रखने के साथ उत्पादन कार्य शुरू हुआ। ड्यूटी ज्वाइन करने से पहले सभी कर्मचारियों को मास्क और हाथ के दस्ताने, सैनिटाइजर, साबुन और सुरक्षा सावधानी बरतने के लिए एक सुरक्षा किट दी गई। दूसरे राज्यों से लौट रहे कर्मियों की जांच करवा किया क्वारंटाइन
दूसरे चरण में, म्युनिसिपल क्षेत्र या रेड जोन में रहने वालों को छोड़कर परिसर के बाहर रहने वाली मैनपावर को भी 18 मई से कार्य पर वापस बुलाया गया है। सभी कर्मचारियों ने ड्यूटी ज्वाइन करने से पहले स्क्रीनिग करवाई और स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में स्वयं घोषणा-पत्र जमा करवाया। दूसरे राज्यों से लौटने वाले कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ने पर उनकी मेडिकल जांच करवाई जा रही है तथा उन्हें होम क्वारंटाइन भी जा रहा है। इसी कड़ी में बड़ी संख्या में कॉन्ट्रेक्चुअल लेबर जो लॉकडाउन के कारण बेरोजगार बैठी थी, उन्हें भी उचित जांच और परिक्षण के पश्चात काम पर वापस बुला लिया गया है। मेडिकल टीम कर्मचारियों के स्वास्थ्य की कर रही निगरानी
दूसरे चरण में ज्वाइन करने वाले कर्मचारियों और संविदाकर्मियों को अलग-अलग शिफ्ट बनाकर और उनके काम करने वाली जगह को अलग रखने का प्रयास किया जा रहा है। नतीजतन, 4 कोच प्रतिदिन का उत्पादन शुरू हो गया है 75 प्रतिशत मैनपावर के बावजूद मई महीने के शेष दिनों में प्रतिदिन औसतन पांच कोच के उत्पादन की पूरी उम्मीद है जो पिछले वित्तीय वर्ष के औसत प्रतिदिन उत्पादन से भी अधिक होगा। कर्मचारी कार्य स्थल पर सभी सुरक्षा सावधानियों का पालन कर रहे हैं और सामाजिक दूरी प्रोटोकॉल को मेन्टेन कर रहे हैं। कार्य स्थानों को नियमित रूप से मशीनों द्वारा सैनिटाइ•ा किया जा रहा है। कारखाने में नियमित रूप से उपलब्ध मेडिकल टीम कर्मचारियों के स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी कर रही है।