निजीकरण के खिलाफ गरजे आरसीएफ कर्मचारी
आरसीएफ बचाओ संघर्ष कमेटी की अगुआई में आरसीएफ के निगमीकरण खिलाफ चल रहे संघर्ष के तहत वीरवार को बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर चौक में आरसीएफ प्रशासन एवं केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
जागरण संवाददाता, कपूरथला : आरसीएफ बचाओ संघर्ष कमेटी की अगुआई में आरसीएफ के निगमीकरण खिलाफ चल रहे संघर्ष के तहत वीरवार को बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर चौक में आरसीएफ प्रशासन एवं केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वर्कशॉप गेट पर संघर्ष कमेटी के नेता सर्वजीत सिंह, राम रतन सिंह, जसवंत सिंह सैनी, मनजीत सिंह बाजवा, राजवीर शर्मा आदि ने कहा कि आरसीएफ के मेहनती कर्मचारियों ने दिन रात मेहनत करके आरसीएफ को रेलवे का बेहतरीन कारखाना बनाया है। वह इसका किसी भी सूरत में निगमीकरण नही होने देगे।
आरसीएफ बचाओ संघर्ष कमेटी के उक्त नेताओं ने संयुक्त तौर पर कहा कि रेलवे बोर्ड द्वारा समय-समय पर जितना भी उत्पादन टारगेट दिया गया, वह हमने बाखूबी पूरा किया है। आरसीएफ ने ना सिर्फ कपूरथला बल्कि देश की उन्नति में योगदान दे रहा है आरसीएफ के कुछ अधिकारियों को यह पसंद नहीं है। वह आरसीएफ को तबाह करने पर तुले हुए हैं जिसकी इजाजत आरसीएफ के लोग कभी नहीं देंगे।
कर्मचारियों को संबोधित करते हुए यूनियन नेता राम रतन सिंह ने कहा कि आरसीएफ हमारे लिए धार्मिक स्थानों से भी ज्यादा पूजनीय है। अगर कोई इस को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा तो उसे इसकी इजाजत कभी नहीं दी जाएगी। मोदी सरकार रेलवे को अंधाधुंध मुनाफे के लिए देशी-विदेशी पूंजीपतियों के हवाले करना चाहती है। उसी कड़ी में आरसीएफ के निगमीकरण करने की बातें की जा रही है जिसके खिलाफ हम 16 जून 2019 से लगातार संघर्ष कर रहे हैं। यह संघर्ष हमारी जीत तक जारी रहेगा।
उन्होंने कर्मचारियों को बढ़ चढ़ कर संघर्ष में भागीदारी करने की अपील की। वीरवार को रोष प्रदर्शन और गेट मीटिग में हरी दत्त, मंजीत सिंह बाजवा, तालिब मोहम्मद, आरसी मीना, जीत सिंह, जगदीश सिंह, रमन जैन, दर्शन लाल, जयपाल सिंह फोगाट, राजेंदर सिंह, मयंक भटनागर, रणजीत सिंह, दलजीत सिंह बाजवा, सुखबीर सिंह, रंजीत सिंह, अरविद प्रसाद और अभिषेक सिंह आदि शामिल थे।