जगमेल की मौत पर फूटा गुस्सा, प्रदेश सरकार का पुतला फूंका
कस्बा भुलत्थ में लोगों ने जिला संगरूर के विधानसभा क्षेत्र लहरागागा के गांव चांगलीवाला में अनुसूचित जाति से संबंधित नौजवान जगमेल सिंह उर्फ जग्गा पुत्र प्रीतम सिंह की हुई मौत को लेकर गुस्सा जाहिर किया है।
संवाद सहयोगी, भुलत्थ : कस्बा भुलत्थ में रविवार को अनुसूचित जाति से संबंधित लोगों ने जिला संगरूर के विधानसभा क्षेत्र लहरागागा के गांव चांगलीवाला में अनुसूचित जाति से संबंधित नौजवान जगमेल सिंह उर्फ जग्गा पुत्र प्रीतम सिंह की हुई मौत को लेकर गुस्सा जाहिर किया है। कस्बे में संबंधित समाज के लोगों में गुस्से की लहर दौड़ गई है। उन्होंने पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए कमर कस ली है।
गौर हो कि सात नवंबर को जगमेल सिंह को चार दबंगों की बर्बरता का शिकार होना पड़ा जिन्होंने उसे खंभे से बांधकर लोहे की राड से पीटा और जमूर से उसकी टांगों का मांस तक नोंच डाला था। उसके जख्मों पर खोलता हुआ पानी व तेजाब भी डाले जाने की आशंका जताई जा रही है। पानी मांगने पर उसे मूत्र भी पिलाया गया। परिवार गरीब और अनपढ़ होने के कारण तीन-चार दिन उसका इलाज नहीं करवा सका। 10 नवंबर को उसे लहरागागा के अस्पताल में दाखिल करवाया गया। डॉक्टरों ने पर्चा काट कर संगरूर रेफर कर दिया जहां उसकी कोई देखभाल नहीं हुई। 11 नवंबर को बसपा नेता डॉक्टर मक्खन सिंह उसका पता लेने के लिए अस्पताल गए तो उसकी बुरी हालत देखकर उन्होंने डॉक्टरों से संपर्क किया। उसके बाद उसे पटियाला भेज दिया गया। पटियाला से उसे पीजीआइ चंडीगढ़ भेज दिया गया। बसपा द्वारा पुलिस पर दबाव बनाए जाने के बाद 13 नवंबर को आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज तो हुआ लेकिन 14 नवंबर की शाम तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। शुक्रवार रात बजे पीजीआइ में आपरेशन के कुछ घंटे बाद आंखों में इंसाफ की आस लिए जगमेल इस दुनिया को अलविदा कह गया।
प्रदेश सरकार को पिछड़े वर्ग के लोगों की परवाह नहीं : प्रगट संधू
जगमेल की मौत के रोष स्वरूप रविवार को कस्बा भुलत्थ में अनुसूचित जाति के नेता प्रगट संधू और अमनदीप भट्टी ने पंजाब सरकार को जमकर कोसा और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह का पुतला फूंककर जमकर नारेबाजी भी की। समाज के एकत्रित लोगों ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार हर फ्रंट पर फेल साबित हो रही है। आए दिन जगह-जगह समाज के लोगों से दरिदगी की जा रही है लेकिन पुलिस प्रशासन व अन्य विभाग खामोश हैं।
प्रगट संधू ने कहा कि दबंगों की ओर से जगमेल सिंह के साथ की गई दरिदगी से समाज के लोगों को खून खोल रहा है। अनुसूचित जाति के जगमेल को दबंगों ने तीन घंटे तक लोहे की रॉड से बेरहमी से पीटा गया। जख्मों में इंफेक्शन फैल जाने के कारण उसकी दोनों टांगें तक काट दी गईं लेकिन वह बच न सका। उन्होंने कहा कि यह सब इसीलिए हुआ है क्योंकि सूबे में अनुसूचित जाति के लोगों की सरकार नहीं है।
यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे कुछ वर्ष पहले अबोहर में एक शराब कारोबारी द्वारा अनुसूचित जाति से संबंधित नौजवान भीम टांक की दोनों टांगें और हाथों को इलेक्ट्रिक आरी से काट दिया गया था व उस नौजवान की भी मौत हो गई थी। उस समय अकाली दल की सरकार थी। समाज की सहानूभूति पाने के लिए अकाली दल के नेताओं ने शराब कारोबारी की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन किया था। जब आरोपित शिवलाल डोडा को जेल भेज दिया गया तो अकाली नेता उसे मिलने के लिए जेल भी जाते रहे थे। ऐसे मामले कम होने की बजाय बढ़ते जा रहे हैं।
आरोपितों को फांसी देने की मांग
उक्त नेताओं के अलावा समाज के लोगों ने सरकार से मांग की है कि इस जघन्य कृत्य के लिए जगमेल सिंह के हत्यारों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये की माली सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। इस मौके पर गुरइकबाल सिंह, राजेश सिंह, सुखविदर सिंह, मनोहर लाल, जरनैल सिंह, मलकीत सिंह, पूरन सिंह, देशराज, मलिदर सिंह, सतनाम सिंह, सोनू, मूरता सिंह, लवप्रीत सिंह, मनीश, संदीप, राजन उपस्थित थे।