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निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों का सड़क पर संघर्ष

रेल कोच फैक्ट्री के निगमीकरण के खिलाफ चल रहे संघर्ष तहत बुधवार को बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर चौक में आरसीएफ प्रशासन एवं केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 01:36 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 01:36 AM (IST)
निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों का सड़क पर संघर्ष
निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों का सड़क पर संघर्ष

जागरण संवाददाता, कपूरथला : आरसीएफ बचाओ संघर्ष कमेटी की अगुवाई में रेल कोच फैक्ट्री के निगमीकरण के खिलाफ चल रहे संघर्ष तहत बुधवार को बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर चौक में आरसीएफ प्रशासन एवं केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। आरसीएफ बचाओ संघर्ष कमेटी के नेता जसवंत सिंह सैणी, सर्वजीत सिंह, राम रतन सिंह, मनजीत सिंह बाजवा, राजवीर शर्मा आदि ने संयुक्त तौर पर कहा कि आरसीएफ का किसी भी हाल में निगमीकरण नही होने देंगे इसके लिए बेशक उन्हें कितनी भी कुर्बानी देना पड़े।

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आरसीएफ बचाओ संघर्ष कमेटी के उक्त नेताओं ने संयुक्त तौर पर कहा कि रेलवे बोर्ड द्वारा समय-समय पर जितना भी उत्पादन टारगेट दिया गया उसे पूरा किया है। आरसीएफ प्रदेश व देश की उन्नति में योगदान दे रहा है लेकिन कुछ अधिकारियों को यह मंजूर नहीं है। वह आरसीएफ को तबाह करने पर तुले हुए हैं जिसकी इजाजत आरसीएफ के कर्मचारी कभी नहीं देंगे। उक्त नेताओं ने कहा कि आरसीएफ के अधिकारियों ने तानाशाही करते हुए चार कर्मचारियों को ड्यूटी से सस्पेंड कर दिया। आठ कर्मचारियों को चार्जशीट जारी कर दी व संघर्ष कमेटी के नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर डर का माहौल पैदा करने की कोशिश की। कर्मचारी पूरे हौसले के साथ कई गुना बढ़ कर मैदान में डट गए जिससे हड़बड़ाहट में आरसीएफ प्रशासन कर्मचारियों को परेशान कर, कोच उत्पादन में कमी लाना चाहता है।

कर्मचारी नेताओं ने रेडिका जीएम एवं चीफ मैकेनिकल इंजीनियर से सख्त लहजे में सवाल किया कि अगर प्रशाशन निगमीकरण या निजीकरण नहीं करना चाहता तो रेलवे बोर्ड के 18 जून 2019 के निगमीकरण करने के पत्र के बाद निगमीकरण नहीं करने का कोई पत्र क्यो नही जारी किया। अगर रेडिका प्रशाशन के पास है तो उसे सार्वजनिक करे और हमें गलत साबित करे। बुधवार को प्रदर्शन और गेट रैली में हरी दत्त, मंजीत सिंह बाजवा, तालिब मोहम्मद, आरसीमीना, जीत सिंह, जगदीश सिंह, रमन जैन, दर्शन लाल, जयपाल सिंह फोगाट, राजेंदर सिंह, मयंक भटनागर, रणजीत सिंह, दलजीत सिंह बाजवा, सुखबीर सिंह, रंजीत सिंह, अरविद प्रसाद और अभिषेक सिंह आदि शामिल थे।

आरसीएफ को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे : जसवंत सैनी

प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों को संबोधित करते हुए यूनियन नेता जसवंत सिंह सैणी ने कहा कि आरसीएफ हमारे लिए धार्मिक स्थानों से भी ज्यादा पूजनीय है। अगर कोई इस को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा तो उसे इसकी इजाजत कभी नहीं दी जाएगी। उन्होंने कर्मचारियों को कहा कि मोदी सरकार रेलवे को अंधाधुंध मुनाफे के लिए देशी-विदेशी पूंजीपतियों के हवाले करना चाहती है। उसी कड़ी में आरसीएफ के निगमीकरण करने की बातें की जा रही है जिसके खिलाफ हम 16 जून 2019 से लगातार संघर्ष कर रहे हैं। आरसीएफ को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। यह संघर्ष जीत तक जारी रहेगा।


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