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पत्र ही नहीं बैंकिंग सेवाएं भी मुहैया करवा रहा डाकिया

मोबाइल व इंटरनेट के युग में भी डाकिया की भूमिका कम नही हुई है बल्कि जिम्मेदारी अधिक बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 01:33 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 06:09 AM (IST)
पत्र ही नहीं बैंकिंग सेवाएं भी मुहैया करवा रहा डाकिया
पत्र ही नहीं बैंकिंग सेवाएं भी मुहैया करवा रहा डाकिया

हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला मोबाइल व इंटरनेट के युग में भी डाकिया की भूमिका कम नही हुई है बल्कि जिम्मेदारी अधिक बढ़ गई है। डाकिया का काम केवल डाक पहुंचाने ही सीमित नहीं है बल्कि डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में ज्यादा से ज्यादा लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने की योजनाओं को रफ्तार देने का भी जिम्मेदारी है। शहरों में बेशक कोरियर सर्विस अपना वर्चस्व कायम कर लिया हो लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में हर तरह की डाक व बैंकिंग सेवाएं डाकिया पर ही निर्भर है।

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करीब 52 डाक कर्मियों की सेक्शन पोस्ट वाले कपूरथला डिवीजन में 30 से 40 प्रतिशत डाक कर्मचारियों की कमी के बावजूद डाकिया अपनी भूमिका बाखूबी निभा रहे हैं।

जनता को अब भी डाकिया पर भरोसा : नरिदर पाल

विरासती शहर के सबसे वरिष्ठ पोस्ट मैन नरिदर पाल का कहना है कि कई दशकों से वह अपनी डयूटी निभा रहे हैं लेकिन उन्होंने अभी तक कोई बदलाव नही देखा है। आज भी आम लोगों को डाकिया पर सबसे ज्यादा भरोसा है और वह डाक लेकर जाने पर उसे बहुत इज्जत व सम्मान मिलता है। उन्होंने बताया कि डाकिया का कार्य बेहद जिम्मेदारी से भरा है जिसे निभाने के लिए वह हमेशा तत्पर है।

ग्रामीण क्षेत्र में अभी भी बड़े पैमाने पर लोग इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। लाखों लोग मोबाइल फोन का उपयोग केवल बातचीत करने के लिए करते हैं। इस दौर में अब हर डाकिया मोबाइल से लैस है और लोगों की बैंकिंग सेवाएं भी पूरी कर रहे हैं।

मोबाइल व इंटरनेट के दौर में लोगों ने पत्र लिखना बहुत कम कर दिया है लेकिन इसके बावजूद लोगों के पासपोर्ट, एटीएम कार्ड, पैन कार्ड व बैंकों से संबंधित तमाम दस्तावेज डाक विभाग के जरिए ही पहुंच रहे है।

होटल ताज रिजेंसी के मालिक पप्पू सग्गड़ का कहना है कि डाकिया की भूमिका किसी भी युग में कम नही हो सकती, क्योकि आम जनता को सरकारी सेवाओं पर सबसे ज्यादा भरोसा है। सब डिवीजन कपूरथला में ढिलवां, बेगोवाल, सुल्तानपुर लोधी, लोहिया, नकोदर, नूर महिल व फगवाड़ा क्षेत्र पड़ते हैं। इतने बड़े इलाके में डाक वितरण के लिए सरकार की तरफ से 52 सेक्शन पोस्ट है लेकिन इनमें करीब 30 से 40 फीसदी पद खाली है। जिसकी भरपाई के लिए कंटेट के आधार पर सेवाएं ली जा रही है।

इस संबंध में पोस्टल डिवीजन के सुपरिटेंडेंट दीपक शर्मा का कहना है कि डाकिया की भूमिका किसी भी युग में कम नही हो सकती। ग्रामीण क्षेत्र में डाक सेवाएं पूरी तरह डाक विभाग के जिम्मे है। गांवों में कोरियर सर्विस नही बल्कि हर तरह की सुविधा डाकिया के जरिए डाक विभाग तमाम सेवाएं मुहैया करवा रहा है। एलआइसी व बैकों के अलावा उनकी तरफ से अनेक यूनिवर्सिटी व कॉलेजों को एक माह के क्रेडिट पर भी सेवाएं देने की सुविधा दी जा रही है। उन्होंने बताया कि डाक विभाग के कर्मठ डाक कर्मी लोगों को तमाम सेवाएं समय पर उपलब्ध करवाने के लिए हमेशा वचनबद्ध है।


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