कपूरथला के सिविल अस्पताल में स्पेशलिस्ट डाक्टरों की कमी, मरीज हो रहे परेशान
सिविल अस्पताल में पिछले दो साल से ना तो कोई ईएनटी विशेषज्ञ डाक्टर है और ना ही कोई फिजियोथेरेपिस्ट। इसके अलावा आंखों मेडीसन व सर्जन की भी एक-एक पोस्ट खाली पड़ी है। विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी के चलते आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कपूरथला, जेएनएन। सिविल अस्पताल में पिछले दो साल से ना तो कोई ईएनटी विशेषज्ञ डाक्टर है और ना ही कोई फिजियोथेरेपिस्ट। इसके अलावा आंखों, मेडीसन व सर्जन की भी एक-एक पोस्ट खाली पड़ी है। विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी के चलते आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मजबूरन मरीजों को निजी अस्पतालों में मंहगे उपचार करवाना पड़ रहा है। उधर, पिछले लगभग सात महीने से कोरोना महामारी कारण डाक्टर व्यस्त चल रहे हैं, जिसके चलते अन्य मरीजों को देखना तो दूर वह कई बार सीट पर भी नहीं मिलते। कोरोना का दम कम होने के बावजूद सरकार के आदेशों के तहत सेहत विभाग की टीमें कोरोना के टेस्ट में लगी हुई हैं।
इस कारण ज्यादातर मरीज अपना इलाज प्राइवेट अस्पतालों में करवा रहे हैं। कपूरथला के सिविल अस्पताल में लगभग दो वर्ष पहले स्पेशलिस्ट डाक्टर फिजियोथेरेपी और ईएनटी डाक्टर की बदली होने के बाद अस्पताल को नया डाक्टर नहीं नसीब हो सका है। इस कारण अस्पताल आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि दो साल पहले फिजियोथेरेपिस्ट डाक्टर राजेश गौतम का तबादला कर दिया गया था। अस्पताल में हर रोज फिजियोथेरेपी करवाने के लिए आने वाले करीब 30 मरीजों को वापस लौटना पड़ता है। कुछ यही हाल ईएनटी का भी है।
डेढ़ वर्ष पहले ईएनटी स्पेशलिस्ट डाक्टर अमनदीप कपिला का तबादला कर दिया था, लेकिन उनकी जगह पर सिविल अस्पताल को कोई डाक्टर नहीं मिला। सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों को यदि गला, नाक, कान, के स्पेशलिस्ट डाक्टरों को दिखाना हो तो पर्ची काटने वाली खिड़की पर ही बता दिया जाता है कि स्पेशलिस्ट डाक्टर नहीं है। इस संबंध में जब दैनिक जागरण ने सिविल अस्पताल का दौरा किया तो पाया कि फिजियोथेरेपी डाक्टर के न होने से लाखों की मशीनरी कबाड़ बनती जा रही है।
कोरोना के कारण नहीं हो रही कोई भर्तीः सिविल सर्जन
नवनियुक्त सिविल सर्जन डा. सुरिंदर कुमार ने कहा कि सरकार की ओर से कई बार डाक्टरों की कमी के बारे में पूछा जा चुका है। इस बारे में उन्हें पूरी जानकारी दी हुई है। इसके बावजूद सरकार द्वारा स्पेशलिस्ट डाक्टर नहीं भेजे जा रहे। सिविल सर्जन ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते कोई भी नई भर्ती नहीं हो रही। कर्मचारियों के रिटायर होने के बाद कोई भी नई भर्ती नही हो रही। डाक्टरों की कमी के बावजूद मरीजों को परेशानी नहीं आने दी जा रही है।