जहरीली दवा से धान की फसल को बर्बाद कर लिया रंजिश का बदला
जमीनी विवाद को लेकर कुछ लोगों ने एक किसान की ढाई एकड़ में खड़ी धान की फसल पर जहरीली दवा छिड़ककर इसे नष्ट कर दिया।
जागरण संवाददाता, कपूरथला : जमीनी विवाद को लेकर कुछ लोगों ने एक किसान की ढाई एकड़ में खड़ी धान की फसल पर जहरीली दवा छिड़ककर इसे नष्ट कर दिया। शिकायत के बाद थाना सुभानपुर पुलिस ने इस संबंध में चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। डोगरांवाल निवासी लखविदर सिंह (45) पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उसका आरोपित ज्ञान सिंह पुत्र गुरदित्त सिंह, अवतार सिंह पुत्र ज्ञान सिंह, जसवीर सिंह पुत्र ज्ञान सिंह सभी निवासी कंबोह ढाएवाला थाना चोहला साहिब जिला तरनतारन और एक अज्ञात व्यक्ति से जमीनी विवाद चल रहा है। उसने कहा कि आरोपित उसे हमेशा धमकी देते थे कि वे उसकी फसल नष्ट कर देंगे। लखविंदर ने बताया कि 15-16 सितंबर की रात को जहरीली दवा का छिड़काव करके ढाई एकड़ में खड़ी उसकी धान की फसल को नष्ट कर दिया गया। 18 सितंबर को उसने इस बारे में थाना सुभानपुर को सूचना दे दी थी, लेकिन पुलिस टालमोल ही करती रही। अब एक महीने के बाद पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया है। थाना सुभानपुर को एसएचओ जसपाल सिंह ने कहा कि टाल-मटोल करने के आरोप निराधार हैं। शिकायतकर्ता ही उक्त घटना के बाद पौधे लेकर खेतीबाड़ी विभाग के चक्कर लगाता रहा कि उसे इसकी रिपोर्ट बनाकर दी जाए। वहां उनको सूचित किया गया कि पुलिस सरकारी तौर पर इसकी जांच करे। पंद्रह दिन इस प्रक्रिया में ही खराब कर दिए गए। शिकायतकर्ता के साथ बकायदा पुलिस के अफसर भी साथ जाते रहे हैं। कृषि विभाग ने साफ ही कह दिया है कि उनके पास ऐसी कोई तकनीक ही नहीं है कि वह यह बता सकें कि उक्त फसल वाकई किसी जहरीली दवा के छिडकाव से बर्बाद हुई है। एसएचओ ने बताया कि खेतों से मिटटी व पौधों के सैंपल ले लिए गए हैं और जांच के लिए उन्हें फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) मोहाली, चंडीगढ़ भेज दिया है ताकि पता चल सके कि फसल का नुकसान किसी जहरीली दवा से हुआ है या फिर किसी बीमारी के कारण फसल बर्बाद हुई। रिपोर्ट आने के बाद बनती कार्रवाई की जाएगी।
चाचा से चल रहा है विवाद, अदालत ने हक में सुनाया है फैसला
लखविदर सिंह ने बताया कि उसके खेतों के साथ ही उसके चाचा की जमीन थी जिसे वह लोग बेचकर जा चुके हैं। जब उसके पिता जीवित थे तब उन्होंने चाचा की जमीन का कुछ हिस्सा खरीद लिया था, लेकिन अब पिता की मौत के बाद उसका चाचा व उसके बेटे खरीदी गई जमीनी में से हिस्सा मांगने लग पड़े। लखविंदर ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने 2013 में अदालत में केस कर दिया। अदालत ने 2018 में केस का फैसला उसके हक में सुनाया।
21 मई 2017 को आरोपित ने की थी गोलीबारी
लखविदर सिंह ने बताया कि 21 मई 2017 को भी आरोपित चाचा व उसके लड़कों ने उसके साथ लड़ाई-झगड़ा और गोलीबारी की थी। इसमें वह व कुछ अन्य लोग घायल हो गए थे। उस समय पुलिस ने आरोपितों से दो राइफल, किरपाणें व चार खाली कारतूस बरामद किए थे। पुलिस ने दस आरोपितों को काबू किया था जिसका केस अभी भी अदालत में विचाराधीन है। कोट्स
आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। उनकी गिरफ्तारी के लिए जल्द ही दबिश दी जाएगी।
--एएसआइ सूरत सिंह, जांच अधिकारी