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पीआरटीसी दफ्तर में पास बनाने के लिए सिर्फ एक कर्मचारी, नहीं बन रहे विद्यार्थियों के पास

विरासती शहर से जालंधर फगवाड़ा के स्कूलों व कालेजों में जाने वाले विद्यार्थियों को बस पास बनवाने के लिए परेशानी झेलनी पड़ती है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 01:52 AM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 01:52 AM (IST)
पीआरटीसी दफ्तर में पास बनाने के लिए सिर्फ एक कर्मचारी, नहीं बन रहे विद्यार्थियों के पास
पीआरटीसी दफ्तर में पास बनाने के लिए सिर्फ एक कर्मचारी, नहीं बन रहे विद्यार्थियों के पास

विकास गुप्ता, कपूरथला

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विरासती शहर से जालंधर, अमृतसर व फगवाड़ा आदि के स्कूलों व कालेजों में पढ़ाई के लिए जाने वाले विद्यार्थियों को बस पास बनवाने के लिए रोजाना परेशानी झेलनी पड़ती है। अलग-अलग स्कूलों एवं कालेजों के विद्यार्थियों बस पास बनवाने के लिए जाते है लेकिन घंटों लंबी लाइनों में लगने के बावजूद उन्हें निराश ही लौटना पड़ता है। पास बनाने के लिए एक ही कर्मचारी है जबकि पास बनाने वाले विद्यार्थियों की संख्या रोजाना सैकड़ों में होती है। बस पास बनाने वाला कर्मचारी कई बार सीट पर बैठता है और कई बार उसकी अन्य जगह ड्यूटी लग जाती है, इस वजह से कुछ के पास बन पाते है जबकि अधिकांश निराश ही लौट कर अगले दिन सुबह लाइन में आकर लग जाते है।

पीआरटीसी डिपो बस स्टैंड कपूरथला में पास बनवाने के लिए विद्यार्थियों को सुबह दस बजे से लेकर ग्यारह बजे का समय दिया जाता है। इस समय सीमा के चलते विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई का नुकसान कर लाइन में लगना पड़ता है। इतने कम समय में कुछ ही विद्यार्थियों का पास बन सकते हैं और ज्यादातर खाली हाथ लौट जाते है।

बस स्टैंड पर पास बनवाने के लिए पहुंचे विद्यार्थियों ने बताया कि उन्हें रोजाना स्कूल एवं कालेज जाने के लिए भारी भरकम किराया अदा करना पड़ता है, जोकि उनकी जेब खर्च से बाहर है।

पास बनवाने के लिए समय बहुत कम दिया गया : संदीप

जालंधर के डीएवी कॉलेज में जाने वाले संदीप सिंह का कहना है कि सरकार की ओर से उन्हें पास बनाने की सुविधा तो प्रदान की गई है, लेकिन पास बनवाने के लिए समय बहुत ही कम दिया गया है, जिससे रोजाना ही हजारों की संख्या विद्यार्थी बिना पास बनवाएं घर को मायूस लौट जाते है।

कई दिनों तक काटने पड़ते हैं दफ्तर के चक्कर : दलजीत

एलपीयू के छात्र गांव बाण वाला निवासी दलजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि उन्हें कई कई दिनों तक पीआरटीसी कार्यालय के बाहर बस पास बनाने के लिए चक्कर काटने पड़ते है। उन्होंने कहा कि पास बनवाने के चक्कर में उनकी पढ़ाई का भी नुकसान हो रहा है।

छात्राओं के लिए अलग से बने काउंटर : गीतांजली

एचएमवी कॉलेज की छात्रा अर्बन एस्टेट निवासी गीतांजली ने जिला प्रशासन एवं पंजाब सरकार से मांग की है कि उन्हें पास बनवाने के लिए अलग काउंटर प्रदान किया जाए नहीं तो उनकी ओर से आने वाले दिनों में संघर्ष किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी प्रशासन एवं पंजाब सरकार की होगी।

पास बनाने के लिए दो कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी : जीएम

इस संबंध में पीआरटीसी के जनरल मैनेजर प्रवीण शर्मा से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि रोजाना सुबह नौ बजे से 12 बजे तक पास बनाए जाते है, लेकिन इसके बावजूद अगर विद्यार्थियों को परेशानी आ रही है तो एक और कर्मचारी की ड्यूटी लगा दी जाएगी ताकि बच्चों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करने पड़े और समय पर उनके पास उपलब्ध हो पाए।


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