अब आरसीएफ नही, मेसर्स राइट्स के माहिर करेंगे फार्मो का निरीक्षण
रेल कोच फैक्ट्री ने मेसर्स राइट्स लिमिटेड को रेल डिब्बों का सामान बनाने वाली फर्मों की क्षमता और काबलियत के मूल्यांकन करने के लिए आउटसोर्स किया है।
जागरण संवाददाता, कपूरथला : रेल कोच फैक्ट्री ने एक अहम नीतिगत फैसले लेते हुए मेसर्स राइट्स लिमिटेड को रेल डिब्बों का सामान बनाने वाली फर्मों की क्षमता और काबलियत के मूल्यांकन करने के लिए आउटसोर्स किया है। पहले यह निरीक्षण आरसीएफ के डिजाइन विभाग के इंजीनियरों द्वारा किया जाता था, लेकिन अब यह काम राइट्स लिमिटेड की ओर से किया जाएगा। इससे आरसीएफ की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और आरसीएफ के साथ विभिन्न फर्मो के व्यवसाय करने में आसानी निश्चित होगी।
मेसर्स राइट्स लिमिटेड ( रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकनामिक सर्विसेज ) रेल मंत्रालय के तहत निर्यात करने वाला एकमात्र सरकारी कंपनी है जो कि कई सेक्टस में अपनी कंसल्टेंसी सेवाएं प्रदान करती हैं। इसमें शहरी यातायात, इंफ्रा एनर्जी, हाईवे, पोर्टस, हवाई अड्डे आदि भी शामिल हैं। इसके पास निरीक्षण इंजीनियरों का अखिल भारतीय नेटवर्क है। बताते चलें कि कोविड-19 के चलते प्रतिबंध और एहतियाती उपायों के तहत नई फर्मों की क्षमता और काबलियत के मूल्यांकन को रोक दिया गया था हालांकि वर्चुअल निगरानी जरूर जारी रही। इसलिए, इसे अवसर के रूप में देखते हुए आरसीएफ ने नई फर्मों की क्षमता व सह क्षमता आकलन करने के लिए मेसर्स राइट्स लिमिटेड के साथ समझौता किया है।
इस संबंध मे रेल कोच फैक्ट्री के अधिकारियों का कहना है कि यह कदम अधिक पारदर्शिता लाएगा तथा नई फर्मो के निरीक्षण में आने वाली अड़चनें दूर होंगी। यह व्यवसाय करने में आसानी को बढ़ावा देगा क्योंकि नई फर्मों को बहुत कम समय में आरसीएफ के साथ पंजीकरण मिलेगा। यह आरसीएफ के कार्यभार को भी कम करेगा। संख्या में वृद्धि होने पर आरसीएफ क्षमता सह क्षमता का आकलन अपने स्तर पर भी करेगा। इससे पहले आरसीएफ के विशेषज्ञों की तरफ से देश में रेल कलपुर्जें बनाने वाले फर्मों में जाकर उनकी गुणवत्ता का आकलन करते थे लेकिन आरसीएफ की बजाए अब विभिन्न कंपोनेट की गुणवत्ता जांचने का कार्य राइटस के माहिरों की तरफ से किया जाएगा।