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ईडी की गिरफ्त में फंसे खैहरा को मिली कांग्रेस की टिकट

भुलत्थ के पूर्व विधायक सुखपाल सिंह खैहरा को कांग्रेस की टिकट मिली है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 11:13 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 11:13 PM (IST)
ईडी की गिरफ्त में फंसे खैहरा को मिली कांग्रेस की टिकट
ईडी की गिरफ्त में फंसे खैहरा को मिली कांग्रेस की टिकट

हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला : मनी लार्डिग के मामले में ईडी की गिरफ्त में फंसे सुखपाल सिंह खैहरा को कांग्रेस हाईकमान की ओर से विधान सभा हलका भुलत्थ से उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है। खैहरा अब जेल से ही चुनावी ताल ठोकेंगे। शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के प्रधान सिमरनजीत सिंह मान के बाद सुखपाल सिंह खैहरा दूसरे ऐसे नेता होगे जो जेल से चुनाव लड़ेंगे लेकिन मान का मामला पंथक मर्यादाओं से जुड़ा हुआ था और खैहरा का मामला मनी लार्डिग से जुड़ा हुआ माना जा रहा है।

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सुखपाल सिंह खैहरा के ईडी मामले में आगामी 18 जनवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है जिसमें अगर उन्हें जमानत मिल जाती है तो वह खुल कर सियासी मैदान में कूद सकेंगे। यदि जमानत ना हुई तो उनके बेटे महिताब सिंह खैहरा अपने पिता का चुनाव मुहिम चलाएंगे या फिर कांग्रेस हाई कमांड उनके पुत्र महिताब को टिकट तबदील कर सकती है।

सुखपाल खैहरा के पिता सुखजिदर सिंह एक बड़ी टकसाली अकाली नेता थे, उन्हें बादल सरकार में शिक्षा मंत्री के पद से नवाजा गया था। उनके निधन के बाद सुखपाल सिंह खैहरा ने अकाली दल की बजाए कांग्रेस से अपने सियासी सफर का आगाज किया। खैहरा ने पंथक गढ़ माने जाते भुलत्थ हलके से एसजीपीसी की पूर्व प्रधान बीबी जागीर कौर को पराजित कर एक बहुत बड़ा सियासी उलट फेर किया था लेकिन अपने मुखर रुख की वजह से सुखपाल खैहरा कांग्रेस लीडरशिप के निशाने पर आ गए जिसके चलते उन्हें पिछली बार कांग्रेस छोड़ कर आप की टिकट पर चुनाव लड़ा और विजयी होकर विस में विरोधी दल के नेता बने।मुखर रुख की वजह से ही खैहरा का फिर आप नेताओं साथ भी तकरार हो गया और उन्होंने फिर आप से अलग होकर पंजाब एकता पार्टी का गठन किया।

लोकसभा चुनावों में उन्हें करारी हार झेलनी पड़ी लेकिन पिछले साल वह कैप्टन अमरिदर सिंह की प्रेरणा से कांग्रेस में वापस लौट आए। विवादों के चलते कैप्टन अमरिदर सिंह तो कांग्रेस से बाहर हो गए लेकिन खैहरा कांग्रेस साथ ही खड़े रहे। इस वजह से ईडी की गिरफ्त में होने के बावजूद कांग्रेस ने खैहरा को भुलत्थ से अपना उम्मीदवार घोषित कर राणा गुरजीत सिंह के किसी समर्थक को टिकट मिलने की तमाम अटकलों को भी दरकिनार कर दिया है। टिकट पर दावा जताने वाले राणा के करीबी गोरा गिल अब कांग्रेस छोड़ कैप्टन अमरिदर की अगुवाई वाली पार्टी में शामिल हो चुके है।

भुलत्थ हलके से दो बार विधायक चुने गए सुखपाल खैहरा ईडी की तरफ से मनी लार्डिग के दायर मामले के कारण इस समय पटियाला जेल में बंद है। खैहरा की हलके में इस गैर मौजूदगी के चलते उनके एडवोकेट पुत्र महिताब सिंह खैहरा भुलत्थ हलके में चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए है।

इस संबंध में महिताब खैहरा का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि 18 जुलाई को हाईकोर्ट में सुनवाई दौरान उनके पिता को जमानत मिल जाएगी और वह इलाके की जनता के बीच आकर इस मामले की सचाई से इलाके के लोगों को वाकिफ करवाएंगे।


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