धर्म व विज्ञान का मनुष्य जीवन से घनिष्ठ संबंध : साध्वी
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा कपूरथला में मार्कफैड रोड पर सुभाष पैलेस के नजदीक चन्दी वर्कशाप में सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी ऋतु भारती जी ने अपनें प्रवचनों में कहा कि र्धम विज्ञान का हमारे जीवन से घनिष्ठ सम्बन्ध है। दोनों के सदुपयोग से ही हमारे जीवन का सौन्दर्य परिपूर्ण होता है। भौतिक विज्ञान का सदुपयोग समाज को बाहृय सौन्दर्य प्रदान करता है। वहीं धर्म आंतरिक सौन्दर्य धर्म का सम्बन्ध उस चेतन ब्रह्म शक्ति से है जो सर्वत्र व्यापक है जिसके द्वारा मानव के मानवीय गुण संचालित होते हैं।
संवाद सहयोगी, कपूरथला : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा कपूरथला में मार्कफैड रोड पर चंदी वर्कशॉप में सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी ऋतु भारती जी ने अपने प्रवचनों में कहा कि धर्म और विज्ञान का हमारे जीवन से घनिष्ठ सम्बन्ध है। दोनों के सदुपयोग से ही हमारे जीवन का सौन्दर्य परिपूर्ण होता है। भौतिक विज्ञान का सदुपयोग समाज को बाहृय सौन्दर्य प्रदान करता है। वहीं धर्म आंतरिक सौन्दर्य देता है। धर्म का सम्बन्ध उस चेतन ब्रह्म शक्ति से है, जो सर्वत्र व्यापक है, जिसके द्वारा मानव के मानवीय गुण संचालित होते हैं। इस चेतना का अपने भीतर प्रत्यक्ष अनुभव हमें जड़ता से दूर कर देता है। चेतन का स्पर्श तो हर किसी को चेतन के क्षेत्र में खींच ले जाएगा। समाज में जितनी भी कोमल भावनाएं हैं, जैसे कि प्रेम, दया, क्षमा इत्यादि ये सब मानव के आभूषण हैं। किसी वैज्ञानिक के शोध का विषय नहीं। इसलिए विद्वानों ने एकमत होकर कहा कि अकेला नैतिक विज्ञान अपूर्ण है, एकपक्षीय है। यही कारण है कि धार्मिक ग्रंथों में हमारे महापुरुष ज्ञान विज्ञान सहित का संदेश देते हैं। इनमें आप धर्म और विज्ञान, दोनों का समन्वय देख सकते हैं। इसके साथ ही साध्वी हरिप्रीता भारती जी ने मधुर भजनों का गायन किया।