जेल से मोबाइल व नशा मिल रहा बार-बार, चंद पैसों के लिए खाकी हो रही दागदार
। थेह कांजला स्थित मार्डन जेल में चप्पे चप्पे पर तैनात सुरक्षा कर्मचारी व टौमी और पीटर दो डागस्कोच भी जेल लाए गए है इसके बावजूद भी जेल में मोबाइल व नशीला पदार्थ मिलने का सिससिला जारी रहा और मार्डन जेल के उच्च अधकारियों के कहने के अनुसार सुरक्षा कर्मचारियों में ही कुछ काली भेडे अपने गुप्तअंग में व अन्य स्थानों पर छिपाकर चंद रुपए की खातिर अपनी वर्दी को दागदार कर रहे है। और कई पुलिस कर्मचारी जेल में नशा पहुंचाते हुए पकडे भी जा चुके है। इतनी सख्ती के बाद भी कैदियों व हवालातियों से मोबाइल व नशीला पदार्थ मिलने का सिससिला नही थम रहा।जेल के बाहर गैंगरस्ट व अपराधी पेशी के दौरान आने वाले कैदियों व हवालातियो के संपर्क में रहते हैं
नरेश कद, कपूरथला : थेह कांजला स्थित मार्डन जेल कपूरथला में चप्पे-चप्पे पर तैनात सुरक्षा कर्मचारी और टॉमी व पीटर नाम के दो स्निफर डॉग भी जेल में तैनात होने के बावजूद भी जेल में मोबाइल व नशीला पदार्थ मिलने का सिलसिला जारी है। मार्डन जेल के उच्च अधकारियों के कहने के अनुसार सुरक्षा कर्मचारियों में ही कुछ काली भेड़ें चंद रुपयों की खातिर अपनी वर्दी को दागदार कर रही हैं। कई पुलिस कर्मचारी जेल में नशा पहुंचाते हुए पकड़े भी जा चुके हैं। इतनी सख्ती के बाद भी कैदियों से मोबाइल व नशीला पदार्थ मिलने का सिलसिला नहीं थम रहा। जेल के बाहर बैठे गैंगस्टर व अपराधी जेल में बंद अपने कैदी साथियों के संपर्क में रहते हैं और जब जालंधर अदालत में पेशी के लिए कैदियों को जेल से बाहर लाया जाता है तो बाहर बैठे साथी कैदियों को नशा, मोबाइल आदि थमा देते हैं। पेशी के लिए गए कैदी अवतार सिंह की चप्पल में नशीला पदार्थ तथा मोबाइल की बरामदगी इस बात की पुष्टि करती है। ऐसी घटनाओं से साफ तौर पर पुष्टि होती है कि कोर्ट परिसर में कैदियों की पेशी के दौरान समाज विरोधी तत्व कोर्ट परिसर के आसपास सक्रिय रहते हैं और उन्हें जेल में बंद अपने साथियों की पेशी की भी पूरी जानकारी रहती है। आखिरकार इतनी पुलिस सुरक्षा के बावजूद कैदियों तक नशा व मोबाइल कैसे पहुंचता है। यह एक बड़ा सवाल है। पेशी के दौरान ऐसे मामले सामने आने पर जेल प्रशासन ने पेशी के दौरान कैदी से मिलने पर पाबंदी लगा दी है।
हाल ही में 8 कैदियों से मिले थे 7 मोबाइल
पिछले दिनों सर्च अभियान के दौरान जेल में 8 कैदियों से 7 मोबाइल बरामद किए गए थे। वैसे तो जेल में इतनी सख्ती के कारण परिदा भी पर नहीं मार सकता, लेकिन मोबाइल व नशा कैदियों तक जरूर पहुंच जाता है। ऐसे में अंदेशा यही रहता है कि या तो इसके पीछे जेल प्रशासन की मिलीभगत है या फिर प्राईवेट तौर पर रखे गए सिक्योरिटी गार्ड यह काम कर रहे हैं।
जेल में सुरक्षा कर्मियों से ज्यादा है कैदियों की संख्या
मार्डन जेल कपूरथला के एसपी जेल एसपी खन्ना ने कहा कि जेल में कैदियों की संख्या जहां क्षमता से पार हो चुकी है। वहीं पुलिस कर्मचारियों की भी कमी है। जेल में तैनात पुलिस कर्मियों की संख्या 343 है। जो सही प्रकार डयूटी कर रहे हैं। स्निफर डॉग भी तैनात हैं। जेल में 13 नेटवर्क जैमर भी लगे हैं। कैदी ज्यादा और कर्मचारी कम होने से समस्या बनी है। कर्मचारियों की कमी को लेकर सरकार को लिखा गया है।