गर्मी ने छुड़ाए पसीने, पारा 43 के पार
संवाद सहयोगी, कपूरथला दिन-प्रतिदिन बढ़ रही गर्मी से लोग घरों में दुबकने के लिए मजबूर हो ग
संवाद सहयोगी, कपूरथला
दिन-प्रतिदिन बढ़ रही गर्मी से लोग घरों में दुबकने के लिए मजबूर हो गए है। बुधवार को तापमान 43 डिग्री के पास पहुंचने के कारण सुबह से शाम तक सड़के सुनसान रही। गर्मी के तीखे तेवरों ने लोगों का जीवन मुश्किल कर दिया है। तपमान इतना अधिक है कि लोग बेहद जरूरी होने पर ही घर से निकल रहे हैं। बुधवार की दोपहर लोग जरूरी कामकाज के कारण ही घर से बाहर निकले। दोपहर को शहर के बाजार सुनसान रहे। चिलचिलाती धूप का ऐसा असर है कि शहर के कई इलाकों में दोपहर में तीन-चार घंटे तक चहल-पहल बहुत कम दिखाई दी। गर्मी से बचने के लिए लोग घर में एसी या कूलर के सहारे बैठ रह गर्मी से राहत महसूस कर रहे है। वहीं यदि कोई जरूरी काम के लिए घर से बाहर निकलता है, तो वह भी अच्छी तरह से मुंह ढक व आंखों पर चश्मा और सिर पर टोपी या छाते का सहारा लेकर खुद को तेज धूप की बजाने की कोशिश कर रहे है। राहगीर भी तेज गर्मी में लगनी वाली प्यास को बुझाने के लिए नीबू पानी या गन्ने के रस का सेवन कर रहे हैं।
उधर, एक तो पहले से ही भीषण गर्मी से परेशानी है, उपर से रोजाना तीन से चार घंटे तक लगने वाले बिजली कट ने परेशानी बढ़ा दी है। बिजली जाते ही नलों के कंठ सूख जाते है। जिससे पानी की समस्या से जूझना पड़ता है। ऐसे में गर्मी से राहत पाना ओर भी मुश्किल हो जाता है। इन दिनों पड़ गर्मी व चलने वाली लू से बचने की जरूरत है। गर्म हवा की रफ्तार इतनी अधिक है की सफर करने वाले बाइक या साइकिल चालक अपने चेहरा को कपड़े से ढक कर वाहन चला रहे है, ताकि वे लू का शिकार न हो। गर्मी इतनी बढ़ गई है कि दोपहर के समय दुकान पर बैठना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में उन्हें मजबूरन ऐसी या कूलर का सहारा लेना पड़ता है। उधर गर्मी के कारण दुकानों पर ग्राहक भी कम आ रहे है। लोग धूप में बाहर आना पंसद नहीं करते। इससे उनकी दुकानदारी पर भी असर पर पड़ रहा है।
तेज धूप से हीट स्ट्रोक का खतरा : डॉ. अजीत ¨सह
सिविल अस्पताल के एसएमओ डा. अजीत ¨सह का कहना है कि दिन-ब-दिन बढ़ रही गर्मी के कारण हीट-स्ट्रोक व डी-हाइड्रेशन होने का खतरा बना रहता है। वहीं सूरज से निकलने वाली तेज किरणों के कारण आंखों पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। ऐसे में हमें घर से बाहर निकलते समय आंखों पर चश्मा व मुंह को ढक कर रखना चाहिए। यदि संभव हो तो धूप में छाता लेकर ही बाहर निकले। वहीं दिन में 4-5 लीटर पानी का सेवन जरूर करे। खाने में तरल पदार्थों की मात्रा बढ़ाएं। फास्ट फूड व अधिक मसालेदार भोजन से परहेज रखे। उल्टी व दस्त होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।