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करंट लगने से हुई थी मजदूर की मौत, परिजनो को नहीं मिला मुआवजा

कस्बा सुल्तानपुर लोधी के गांव जैनपुर के एक मजदूर की खेत में काम करते समय बिजली का करंट लगने से करीब दो साल पहले मौत हो गई थी लेकिन उसके परिवार को अभी तक मुआवजा नही मिल सका। 2

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 06:01 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 06:01 PM (IST)
करंट लगने से हुई थी मजदूर की मौत, परिजनो को नहीं मिला मुआवजा
करंट लगने से हुई थी मजदूर की मौत, परिजनो को नहीं मिला मुआवजा

जागरण संवाददाता, कपूरथला : कस्बा सुल्तानपुर लोधी के गांव जैनपुर के एक मजदूर की खेत में काम करते समय बिजली का करंट लगने से करीब दो साल पहले मौत हो गई थी लेकिन उसके परिवार को अभी तक मुआवजा नही मिल सका। 28 अगस्त 2016 को इस मजदूर को गांव शेरपुर सद्धा में मोटर से बिजली का करंट लग गया था जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गया। इससे उसकी रीढ़ की हड्डी व टांगें बेकार हो गई। लगभग पांच महीनों तक उसका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चलता रहा लेकिन उसकी जान नही बच सकी। मृतक मजदूर की पत्नी ने जिलाधीश कपूरथला मोहम्मद तय्यब से मुआवजा दिलाने की गुहार लगाई है ताकि वह अपने तीन बच्चों का पालन पोषण कर सके।

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कस्बा सुल्तानपुर लोधी से करीब आठ किलोमीटर दूर स्थित गांव जैनपुर निवासी सोढ़ी घारू पुत्र म¨हदर ¨सह कस्बा सुल्तानपुर लोधी का यह युवक एक शैलर में काम करता था। उस शैलर मालिक की गांव शेरपुर सद्धा में जमीन है। उनके खेतों में काम करते समय सोढ़ी को 28 अगस्त 2016 को बिजली का करंट लग गया। शैलर मालिक उसे उपचार के लिए सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन सोढ़ी की हालत ज्यादा खराब होने की वजह से उसे बेहतर इलाज के लिए रैफर कर दिया। लुधियाना के डीएमसी में करीब एक महीना उसका इलाज चलता रहा। लेकिन कोई फर्क ना पड़ने पर डाक्टरों ने उन्हें घर भेज दिया। इसके बाद उसका छाबड़ा अस्पताल जालंधर में काफी समय इलाज चलता रहा। इसके पश्चात सोढ़ी की पत्नी बेबी उसे उपचार के लिए पिम्स अस्पताल जालंधर ले गई। वहां भी लंबे समय तक दाखिल रहा लेकिन कोई खास सुधार नही हुआ। करीब डेढ़ महीने के इलाज बाद डाक्टरों ने उन्हें जवाब दे दिया और 21 अगस्त 2017 को सोढ़ी की मौत हो गई। इस दौरान बेबी को कर्ज उठा कर पति के इलाज पर लाखों रुपये खर्च करने पड़े लेकिन उसके अभी तक मुआवजा नही मिल सका। बेबी ने बताया कि उसका बड़ा बेटी गौरव घारू नौवीं क्लास में पढ़ता है जबकि उससे छोटी बेटी अर्चना आठवीं तथा उससे छोटा बेटा सौरव घारू सातवीं कक्षा में पड़ता है। उसके घर की आर्थिक हालत बहुत ही खराब है जिसकी वजह से बच्चों के पालन पोषण के लिए उसे लोगों के घरों में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सोढ़ी के भतीजे साहबी घारू ने कहा है कि उसकी चाची व बच्चों को सरकार की तरफ से कोई मदद नही मिल सकी जबकि इस संबंधी सरकार ने बकायदा घोषणा कर रखी है। उसकी चाची को अपने तीन छोटे छोटे बच्चों का पेट पालने के लिए लोगों के घरों में काम करने को मजबूर होना पड़ रहा है। उसने डीसी मोहम्मद तय्यब एवं सीएम कैप्टन अम¨रदर ¨सह से गुहार लगाते हुए मुआवजे की राशि दिलाने का निवेदन किया है।


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