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मरीज तड़पते रहे, डॉक्टर ने नहीं सुनी फरियाद

पंजाब सरकार सरकारी अस्पतालों में बेहतर सेहत सुविधाएं मुफ्त मुहैया करवाने की दुहाई तो दे रही है, लेकिन हकीकत इसके बिलकुल विपरीत है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Mar 2018 07:22 PM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 07:22 PM (IST)
मरीज तड़पते रहे, डॉक्टर ने नहीं सुनी फरियाद
मरीज तड़पते रहे, डॉक्टर ने नहीं सुनी फरियाद

संवाद सहयोगी, कपूरथला : पंजाब सरकार सरकारी अस्पतालों में बेहतर सेहत सुविधाएं मुफ्त मुहैया करवाने की दुहाई तो दे रही है, लेकिन हकीकत इसके बिलकुल विपरीत है। गत रात्रि फत्तूढींगा रोड पर दो बाइक की टक्कर में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। एक व्यक्ति की पैर की चार उंगलियां कट गई और दूसरे व्यक्ति की टांग टूट गई, जिन्हें उपचार के लिए सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में डाक्टरों की ओर से मरीजों का इलाज नहीं किया गया और वह सारी रात दर्द से तड़पते रहे। अगले दिन घायल मरीजों के परिजनों ने विधायक राणा गुरजीत के कार्यालय में संपर्क किया तो मामले को गंभीरता से लेते हुए पूर्व विधायक राजबंस कौर राणा ने मोबाइल के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए तब जाकर पीड़ित को स्वास्थ्य सेवा प्राप्त हो पाई और डाक्टरों की ओर से उसका इलाज शुरू कर दिया गया। हादसे में घायल एक व्यक्ति को बुधवार की सुबह डाक्टरों जालंधर के एक निजी अस्पताल में रैफर कर दिया गया।

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सिविल अस्पताल में उपचाराधीन मनप्रीत पुत्र सुखदेव ¨सह निवासी गांव होठियां ने बताया कि उन्हे गत देर रात्रि सड़क हादसे में गंभीर चोट लगी है। उनकी पैर की चार उंगलियां कट गई। उसने बताया कि उक्त घटना में उसका एक साथी दीपक कुमार पुत्र लख¨वदर ¨सह की टांग भी टूट गई। सारी रात सरकारी अस्पताल के ड्यूटी डाक्टर ने उनकी परवाह नहीं की और कहते रहे कि हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आ रहे हैं। रात में कोई डाक्टर नहीं पहुंचा। बुधवार सुबह भी उनका इलाज सही ढंग से शुरू नहीं किया गया। घटना के बारे में विधायक राणा गुरजीत ¨सह के कार्यालय में पीड़ित के परिजनों ने संपर्क किया तो मामले को गंभीरता से लेते हुए पूर्व विधायक राजबंस कौर राणा ने मोबाइल के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को उचित कार्यवाही करने के आदेश दिए तब जाकर पीड़ित को स्वास्थ्य सेवा प्राप्त हो पाई और डाक्टरों द्वारा उसका इलाज शुरू कर दिया गया।

उल्लेखनीय है सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में कथित तौर पर जख्मी व बीमार हालत में मरीजों का डाक्टर सही ढंग से उपचार नहीं करते हैं। मजबूरन मरीजों को अधिक रुपये खर्च करके प्राइवेट अस्पतालों में अपना उपचार करवाना पड़ता है।

लापरवाही बरते वाले डॉक्टर पर होगी कार्रवाई : सिविल सर्जन

इस बारे में सिविल अस्पताल डा. हरप्रीत ¨सह काहलों का कहना है कि पीड़ित परिवार ने उनके साथ कोई संपर्क नहीं किया। अगर कोई समस्या है तो वह उनके कार्यालय आकर मिले और समस्या का निपटारा तुरंत किया जाएगा। अगर किसी डाक्टर ने लापरवाही की है, तो उसके खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी।


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