28 जनवरी को हड़ताल में शामिल होंगे आरसीएफ कर्मी
आरसीएफ इंप्लाईज यूनियन की ओर से नई पैंशन सकीम एनपीएस के विरोध में हो रही 2
जागरण संवाददाता, कपूरथला : नई पेंशन स्कीम के विरोध में 28 जनवरी को जंतर मंतर नई दिल्ली मे हो रही देशव्यापी भूख हड़ताल में आरसीएफ इंप्लाइज यूनियन के कार्यकर्ता शामिल होंगे। आरसीएफ प्रशासन की ओर से निजीकरण व ठेकेदारी की साजिशों के विरोध में संघर्ष करने और आरसीएफ में नई भर्ती करने आदि मुद्दों को लेकर वर्कर क्लब में बैठक आयोजित की गई। बैठक में भूख हड़ताल में बढ़ चढ़ कर भाग लेने का फैसला किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए फ्रंट अगेंस्ट एनपीसी इन रेलवे के राष्ट्रीय कन्वीनर एवं एनएमओपीएस के संयुक्त सचिव अमरीक ¨सह ने कहा कि नई पेंशन स्कीम के विरोध में पूरे देश के कर्मचारी एकजुट हो चुके है। 26 नवंबर की विशाल रैली ने भारत सरकार की नींद हराम कर दी है। भाजपा सहित देश की तमाम राजनीतिक पार्टीयां एनपीएस विरोधी हजूम को अपने वोट बैंक में तबदील करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है पर देश भर के कर्मचारी अब जागरुक हो चुके हैं। कर्मचारियों का कहना है कि अब उन्हें मामूली से वेतन, भत्ते व धार्मिक तौर पर बांट कर गुमराह नही किया जा सकता। उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार पुरानी पेंशन बहाल नही करती यह संघर्ष जारी रहेगा।
इस संघर्ष को अगले दौर में लेकर जाने के लिए एनएमओपीएस व फ्रंट की टीम द्वारा 28 जनवरी 2019 से लेकर 1 फरवरी 2019 तक नई दिल्ली, जंतर मंतर पर भूख हड़ताल करने का फैसला लिया गया है जिसमें समूह रेल कर्मचारी 28 फरवरी को आरसीएफ कर्मी अपनी अहम भूमिका में उपस्थित होंगे। आरसीएफ के प्रधान परमजीत ¨सह खालसा ने आरसीएफ प्रशासन की ओर से थोपे जा रहे निजीकरण की साजिशों के विरोध में अपनी स्थित साफ करते हुए कहा कि प्रशासन की ओर से नई भर्ती ना करके 100 एलएचबी कोचों का निर्माण प्राईवेट कंपनियों की ओर से करवाने के लिए भविष्य में जो टेंडर निकाला गया है वह आरसीएफ के कर्मचारियों, आरसीएफ के भविष्य एवं आमजन विरोधी फैसला है।
आरसीएफ प्रशासन की इस नीति के विरोध में रोष व्यक्त करते उन्होंने कहा कि प्रशासन की यह साजिश किसी भी हालत में सफल नही होने दी जाएगी। इस मौके पर बाबा मौलख ¨सह, प्रदीप ¨सह, अमरीक ¨सह, बुध ¨सह, मक्खण ¨सह, अश्वनी कुमार, भर्त राज, जगदीप ¨सह, योगेश तिवारी, अजय कुमार, नीरज शर्मा, तलविन्द्र ¨सह, गुरजिन्द्र ¨सह आदि उपस्थित थे।