श्रीकृष्ण के भजनों पर झूमे भक्त
संवाद सहयोगी, फगवाड़ा : श्री गीता जयंती महोत्सव के 41वें वर्ष में श्री गीता भवन मंदिर कटैहरा
संवाद सहयोगी, फगवाड़ा : श्री गीता जयंती महोत्सव के 41वें वर्ष में श्री गीता भवन मंदिर कटैहरा चौक में नन्हें मुन्नें बच्चों में प्राची, निधि, धु्रव, मंथन, गीतिका, मनीशा, निशांत, नैयना, विशाखा, नमन, पलक ने श्री मद भगवद गीता के श्लोक सुनाए। सोनिका, रेवती, करिश्मा, सिमरन, विभूति, विशाखा, रवीना ने 7 से 12 अध्यायों के गीता सार एवं गीता महिमा सुनाएं। इसमें पूर्व श्री गीता भवन महिला संकीर्तन मंडल की सदस्य ममता ने यहां ले चलोंगे, वहीं में चलूगी, यहां नाथ रख लोगे वहीं मैं रहूंगी भजन सुनाया। दीनानगर से पधारे पंडित शाम सुंदर शास्त्री ने श्री राधा रमण हरि गोबिंद जय जय, मुक्ति का यत्न कर ले, आजाओ अब तो मोहन आ जाओ शाम प्यारे आदि भजन पेश कर भक्तों को झूमने पर विवश कर दिया। जालंधर एवं फगवाड़ा में स्वामी संत दास स्कूल के संचालक महामंडलेश्वर स्वामी शांतानंद जी महाराज ने कहा कि गीता का ज्ञान युद्ध के क्षेत्र में दिया गया। कुरुक्षेत्र को धर्म क्षेत्र इसलिए कहा गया, क्योंकि ये युद्ध अन्याय के विरुद्ध था। भगवान श्री कृष्ण ने युद्ध को रोकने का प्रयास किया। दुर्योधन को समझाया, पांडवों को पांच गांव देने को कहा परंतु उसने सूई की नोक जितना भी देने से मना किया। महामंडलेश्वर 108 स्वामी डॉ. जगपूर्ण दास जी महाराज ने कहा कि संसार की वस्तुओं को देखने की आशा बढ़ती है। आंखों के द्वारा भगवान का दर्शन करें और मुक्ति का मार्ग अपनाएं। इस अवसर पर पंडित कुंदन लाल शास्त्री, पंडित सोहन लाल शास्त्री, पंडित जुगल किशोर, चंद्र प्रभाकर, सुरिंदर हांडा, रामपाल उप्पल, हेमंत आनंद, संजीव जलोटा, सनी उप्पल, राजिंदर शर्मा, कमल कौशल व अन्य उपस्थित थे।