श्रीकृष्ण की लीलाओं का किया बखान
दिव्य ज्योति जाग्रती संस्थान की ओर से प्राचीन शिव मंदिर अंदर पांच दिन की श्री कृष्ण कथा का आयोजन किया गया। जिसके तीसरे दिन परम पूजनीय श्री आशुतोश महाराज जी की सेविका साधवी सोमिया भारती जी ने कहा कि समय समय पर प्रमातमा इस धरती पर आकर भटके हुए मानव को सही मार्ग प्रदान करता है। उन्कें द्वारा रची लीलाओं भविष्य के भक्तों का सदा मार्ग दर्शन करती है। भगवान
संवाद सहयोगी, भुलत्थ : दिव्य ज्योति जाग्रती संस्थान की ओर से प्राचीन शिव मंदिर में पांच दिनों तक श्री कृष्ण कथा का आयोजन किया गया। कथा के दौरान प्रवचन करते हुए साध्वी सोमिया भारती ने कहा कि समय-समय पर परमात्मा इस धरती पर अवतार लेकर भटके हुए मानव को सही मार्ग प्रदान करते हैं। उनके द्वारा रची लीला भक्तों का सदा मार्ग दर्शन करती है। भगवान श्रीकृष्ण ने माखन चोरी करने के साथ-साथ गोमाता की सेवा भी। प्रभु की लीलाओं में उच्च आदर्श को पाने के लिए उसका जीवन के अंदर मंथन करना पडता है। मंथन के बाद ब्रह्म ज्ञान रुपी अमृत मिलेगा जिसके द्वारा जीव आत्मा ईश्वर भाव उस परमात्मा को प्राप्त कर सकते हैं। साध्वी जी ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण का एक रुप गोपाल था जिस का भाव है गो का पालक। कृष्ण भगवान ने धरती पर अवतार लेकर सब से पहले गो की रक्षा की व विराम भी किया। प्रभु का यह रुप हमें समझाता है कि अगर हम अपनी संस्कृति को बचाते है तो हमें गोमाता को भी बचाना पडेगा। इसके लिए हमें जागरूक होने की जरुरत है और जागरूकता केवल अध्यात्म से ही संभव है। कथा में शहर की बहुत सारे गणमान्य धार्मिक, राजनीतिक, भी उपस्थित हुए। संगतों के लिए अटूट लंगर भी लगाया गया।