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कैदियों को बेहतर इंसाफ बनाने की कवायद शुरू

जागरण संवाददाता, कपूरथला : कैदियों की सोच बदल कर उनको एक बेहतर इंसान बनाना जेल प्रशासन क

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 06:50 PM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 06:50 PM (IST)
कैदियों को बेहतर इंसाफ बनाने की कवायद शुरू
कैदियों को बेहतर इंसाफ बनाने की कवायद शुरू

जागरण संवाददाता, कपूरथला : कैदियों की सोच बदल कर उनको एक बेहतर इंसान बनाना जेल प्रशासन का मुख्य उद्देश्य है ताकि वह रिहाई के उपरांत एक अच्छे नागरिक के तौर पर समाज में रह कर अपने परिवार का पालन-पोषण और अपने माता-पिता की सेवा कर पाएं। यह बात सुप¨रटेंडेंटमॉडर्न जेल जालंधर कपूरथला सु¨रदर पाल खन्ना ने कही। उन्होंने कहा कि पंजाब के जेल व सहकारिता विभाग के मंत्री सुख¨जदर ¨सह रंधावा के दिशा-निर्देशों के तहत जेल में कैदियों की ¨जदगी बदलने के लिए बहुत से कदम उठाए गए है। इसके तहत उनको अलग-अलग रोजगार की प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कलाकार बनाया जा रहा है। जिससे वह जेल से रिहा होने के बाद आसानी के साथ अपनी नई ¨जदगी शुरू कर पाएं। मॉडर्न जेल के 150 के करीब कैदी वर्दियों के लिए कपड़ा बुनने, स्टि¨चग, लकड़ी व वे¨ल्डग के काम में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहाकि जेल में कैदियों के लिए छह पावरलूम मशीनें लगाई गई है, जिनके लिए पहले 10 कैदियों को ट्रेंड किया गया और अब वहीं 10 कैदी इंस्टरक्टर के तौर पर 50 कैदियों को काम सिखा कर खुद भी काम कर रहे है। उन्होंने कहाकि गत महीने डीसी मोहम्मद तय्यब के नेतृत्व में जिला रेड क्रास सोसायटी की ओर से भी जेल में स्टैंड वाली पांच सिलाई मशीनें भेंट की गई है, जिनका कैदी भरपूर लाभ उठा रहे हैं।

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एसपी खन्ना ने बताया कि इसी प्रकार बंदी महिलाओं को अपनी सजा भुगतने के उपरांत जेल से बाहर जाने पर अपना स्व-रोजगार शुरु करने के उद्देश्य के साथ ड्रेस डिजाइ¨नग, ब्यूटीशियन, साबुन और पापड़ आदि तैयार करने की प्रशिक्षण देने के प्रबंध किए जा रहे है। इसी प्रकार हवालाती व कैदी महिलाओं और उनके साथ बच्चों को कानूनी सेवाएं मुहैया करवाने के अलावा उनकी डाक्टरी जांच और अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही है। इसके अलावा नशे के आदी कैदियों का नशा छुड़ाने के लिए जेल में ओट क्लीनिक स्थापित किया गया, जहां सेहत विभाग के अमले की ओर से नशे के शिकार कैदियों को रोजाना अपनी उपस्थिति में दवा दी जाती है और काउंस¨लग के द्वारा उनका मनोबल बढ़ाया जाता है। उन्होंने कहा कि कैदियों की सोच बदल कर उन को एक जिम्मेदार नागरिक बनाना ही असली मायनों में उन का सुधार करना है, जिस के लिए जेल प्रशासन की तरफ से प्रयास जारी है।


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