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श्रीकृष्ण की शिक्षाओं को जीवन में करें धारण

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से कम्युनिटी हाल डिप्स कालोनी सुल्तानपुर रोड शेखूपुर में पांच दिवसीस श्री कृष्णा कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया। कथा में परम पूज्नीय सर्वश्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी रूपेश्वरी भारती ने भगवान श्री कृष्ण की महिमा का वर्णन किया। कथा का आरंभ विधिवत पूजन से हुआ जिसमें ज्ञान चंद धुन्ना पवन धुन्ना विजय सचदेवा शामिल हुए। साध्वी ने कहा कि श्री कृष्ण निराकार ब्रहम है जो अधर्म पाप व अत्याचार मिटाने के लिए अवतरित होते है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 09:10 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 09:10 PM (IST)
श्रीकृष्ण की शिक्षाओं को जीवन में करें धारण
श्रीकृष्ण की शिक्षाओं को जीवन में करें धारण

संवाद सहयोगी, कपूरथला : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान ने कम्युनिटी हाल डिप्स कॉलोनी सुल्तानपुर रोड शेखूपुर में पांच दिवसीस श्रीकृष्ण कथा ज्ञान यज्ञ करवाया गया। कथा में परम पूज्य सर्वश्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी रूपेश्वरी भारती ने भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का वर्णन किया। कथा का आरंभ विधिवत पूजन से हुआ जिसमें ज्ञान चंद धुन्ना, पवन धुन्ना, विजय सचदेवा शामिल हुए। साध्वी ने कहा कि श्री कृष्ण निराकार ब्रह्मा हैं जो अधर्म, पाप व अत्याचार मिटाने के लिए अवतरित होते हैं।

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उन्होंने अवतारवाद की व्याख्या करते हुए कहा कि जब जब इस धर्म की ग्लानि होती है और अधर्म का अभ्युत्थान होता है तब-तब भगवान अपने को इस विश्व में अवतरित करते हैं। ईश्वर सर्व प्राणियों के हृदय में निवास करता है। इसलिए भगवान भारत रूपी हृदय में अवतार धारण करते हैं। जब वासुदेव जी ने भगवान की प्ररेणा से अपने पुत्र को लेकर कारागार से बाहर निकलने की इच्छा की तब द्वारपालों की इंद्रिय-वृत्तियों की चेतना हर ली। वह सब संज्ञा विहीन होकर सो गए। बंदी गृह के द्वार अपने आप खुल गए जिन पर बड़े- बड़े लोहे की जंजीरे व ताले जड़े हुए थे, उनके बाहर जाना भी कठिन था, परन्तु जैसे ही प्रभु को सिर पर धारण किया सब दरवाजे अपने-आप खुल गए। ठीक वैसे ही जैसे सूर्योदय होते ही अंधकार दूर हो जाता है।

साध्वी ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण के चरित्र से प्राप्त शिक्षा व संदेश को जीवन में धारण कर लें, तो नि:संदेह एक आदर्श मानव का निर्माण होगा। यदि एक आदर्श परिवार का गठन होगा तो एक आदर्श समाज, आदर्श राष्ट्र अंततोगत्वा एक आदर्श विश्व स्थापित होगा। परन्तु विडंबना का विषय है कि आज कितनी ही प्रभु की गाथाएं गाई जा रही हैं पर समाज की दशा इतनी दयनीय है मात्र केवल प्रभु की कथा को कह देना या सुन लेना ही पर्याप्त नहीं है। कथा के दूसरे दिन ज्योति प्रज्जवलित करने की रस्म भाजपा नेता नरोत्तम देव रती, एडवोकेट परमजीत ¨सह पम्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम पासी, चेतन सूरी, डॉ. रणजीत राय, विजय आनंद, डॉ. मुकेश गुप्ता, ऋषि गुप्ता, विकास बजाज, चरणजीत ¨सह हंस, करनैल ¨सह शामिल थे।


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