नवजात का 72 घंटे के भीतर टेस्ट करवाना अनिवार्य : डॉ. उप्पल
नवजन्मे बच्चे का 72 घंटे के भीतर थाईरड टीएसएच टेस्ट करवाना अनिवार्य है क्योंकि टीएसएच की कमी होगी तो बच्चे का दिमाग कमजोर होने का स्पष्ट संकेत होता है।
संवाद सहयोगी, कपूरथला : नवजन्मे बच्चे का 72 घंटे के भीतर थाईरड टीएसएच टेस्ट करवाना अनिवार्य है, क्योंकि टीएसएच की कमी होगी तो बच्चे का दिमाग कमजोर होने का स्पष्ट संकेत होता है। यह बात इंडो किडस अस्पताल जालंधर के बाल ग्रंथी रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरव उप्पल ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से आयोजित सीएमई बैठक में संबोधन करते हुए कही।
डॉ. उप्पल ने बताया कि जन्म के दौरान गर्दन की थायरड ग्रंथी के कम कार्य करने के कारण बच्चे का दिमाग कम विकसित होता है और बच्चा मंदबुद्धि की तरफ बढ़ने लग जाता है, इसलिए जन्म के 72 घंटे अथवा एक माह के भीतर टीएसएच की कमी की समीक्षा करना बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि जांच के दौरान टीएसएच की कमी पकड़ी जाए तो आधुनिक उपचार की पद्धति से उपचार कर बच्चे के दिमाग का विकास पूर्ण करने के लिए बड़े स्तर पर सफलता प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि उक्त टेस्ट व उपचार बहुत ही कम रेटों पर उपलब्ध है, इसलिए नवजन्मे बच्चों की तुरंत शारीरिक जांच के साथ-साथ टीएसएच टेस्ट को करवाना भूलना नहीं चाहिए। डॉ. उप्पल ने आधुनिक उपचार संबंधी विस्तारपूर्वक जानकारी मुहैया करवाई।
आईएमए प्रधान डॉ. सुरजीत कौर ने डॉ. सौरव उप्पल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने नवजन्मे बच्चे के थायरड टेस्ट संबंधी अहम जानकारी और जागरूकता प्रदान की है। जिसका फायदा हर वर्ग के लोगों को प्राप्त होगा। डॉ. सुरजीत कौर व पदाधिकारियों ने डॉ. सौरव उप्पल को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर डॉ. सर्बजीत सिंह, डॉ. बीएस मोमी, डॉ. विपन अरोड़ा, डॉ. अंजू बाला, डॉ. जगदीश सिंह, डॉ. जेएस वड़ैच, डॉ. राजकुमार भगत, डॉ. आरपी भोला, डॉ. मोहनप्रीत सिंह, डॉ. डीके मित्तल, डॉ. कुलजीत सिंह, डॉ. अमनदीप कौर, डॉ. प्रिस सरगोधिया, डॉ. एसएस गिल, डॉ. बरिदर गिल, डॉ. राजेश्वर अरोड़ा, डॉ. अमिता, डॉ. मधूसुदन संगर, डॉ. राजेश मोहन, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. तवनीत सिंह, डॉ. गरिमा जैन, डॉ. नरिदर सिंह, डॉ. एचएल महमी, डॉ. सुदेश, डॉ. संदीप धवन, डॉ. सिम्मी धवन, डॉ. एसएस भाटिया, डॉ. एसजे धवन, डॉ. जेएस थिद, डॉ. उप्पल के अलावा बड़ी संख्या में आइएमए के सदस्यगण शामिल थे।