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31 मार्च तक ट्रीटमेंट प्लांट बनने शुरू न हुए तो हर माह लगेगा पांच लाख जुर्माना

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा गठित निगरान कमेटी के चेयरमैन जस्टिस जसबीर सिंह की अध्यक्षता में टीम ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के धरती निचले दूषित पानी की रिपोर्ट ली है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 02:01 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 06:08 AM (IST)
31 मार्च तक ट्रीटमेंट प्लांट बनने शुरू न हुए तो हर माह लगेगा पांच लाख जुर्माना
31 मार्च तक ट्रीटमेंट प्लांट बनने शुरू न हुए तो हर माह लगेगा पांच लाख जुर्माना

जागरण संवाददाता, कपूरथला

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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा गठित निगरान कमेटी के चेयरमैन जस्टिस जसबीर सिंह की अध्यक्षता में टीम ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के धरती निचले दूषित पानी की रिपोर्ट लेते हुए संबंधित अधिकारियों ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण शुरू करने एवं मुकम्मल करने की समय सीमा निर्धारित कर दी है। 31 मार्च 2020 तक अगर ट्रीटमेंट प्लाट बनने शुरु ना हुए तो पांच लाख और यदि ट्रीटमेंट प्लांट ना लगे तो 10 लाख रुपये तक जुर्माना किया जाएगा।

जस्टिस जसबीर सिंह सहित निगरान कमेटी के सदस्य पूर्व मुख्य सचिव पंजाब, पर्यावरण प्रेमी संत बाबा बलबीर सिंह सीचेवाल व बाबू राम ने अलग-अलग स्थानों पर जाकर जायजा लिया कि कैसे लोग दूषित पानी पीने के चलते बीमारियों की चपेट में आ रहे है। पहले भी फाजिल्का इलाके में गांवों में लिए पानी के सैंपल फेल हो चुका है।

जस्टिस जसबीर सिंह ने बैठक में उपस्थित पांच जिलों के डिप्टी कमिश्नरों व अन्य अधिकारियों को हिदायत दी कि 31 मार्च 2021 तक जिम्मेवार जिलों में ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के कार्य शुरू किया जाए। यदि निर्धारित समय तक काम शुरू नहीं हुआ तो प्रत्येक जिले के हर एसटीपी को पांच लाख तक का जुर्माना हर माह देना होगा। प्लांट यदि 31 दिसंबर 2021 तक पूर्ण तैयार होकर पानी को साफ नहीं करेंगे तो प्रत्येक एसटीपी को प्रत्येक माह 10 लाख रुपये जुर्माना किया जाएगा। जस्टिस जसबीर सिंह ने कहा कि कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निगरान टीम खुद इसकी निगरानी रखेगी।

उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले पांच जिलों के पानी के सैंपल भरे गए थे, जो फेल हो गए। ट्रीटमेंट प्लांट भी चालू हालत में नहीं थे। पाकिस्तान द्वारा सरहद नजदीक रहते कसूर शहर में चल रहे चमड़े के उद्योगों का जहरीला पानी भी फाजिल्का को बड़े स्तर पर प्रभावित कर रहा है। कसूर का जहरीला पानी ई ग्रेड पाया गया।

उन्होंने कहा कि दुनिया के 1100 वैज्ञानिकों ने रिपोर्ट पेश की है कि यदि प्रदूषण कम करने के लिए जिम्मेवारी न निभाई तो धरती 100 साल तक रहने के काबल नहीं होगी।

उल्लेखनीय है कि समाज सेवक विक्रम आहूजा ने एनजीटी को शिकायत की थी। इस पर कार्रवाई करते निगरान कमेटी ने कुछ दिन पहले फाजिल्का इलाके के सेम नालियां का दौरा किया। इस टीम ने कोठा ठगनी से जांच शुरू की। इसके बाद टीम गांव कबूलशाह, झंगड़ चौकी, घुडंमी व आसफलवाला से होते हुए करनी खेड़ा सेम नाले पर पहुंची। इस दौरान चार स्थानों पर पानी के सैंपल लिए गए। शिकायकर्ता किसान विक्रम आहूजा ने निगरान कमेटी को बताया कि पंजाब के पांच जिलों श्री मुक्तसर साहिब, फरीदकोट, फिरोजपुर व मोगा भौगोलिक तौर व ऊंचे होने कारण 21 सेम नालियां से नगर कौंसिल व गांवों का प्रदूषित पानी फाजिल्का से होकर आगे गुजरता है।

संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने बताया कि इस कारण प्रदूषित पानी के साथ फाजिल्का के लगभग 132 गांव प्रभावित है। जहरीले पानी कारण इस सरहदी इलाके में बीमारियां फैल चुकी है। संत बाबा बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा कि जहां ये सीवरेज का पानी ड्रेन में पड़ रहा है यदि उस जगह पर सीवरेज प्लांट लगाए जाएं तो भविष्य में एसी समस्या नहीं आएगी।

इस मौके पर तकनीकी माहिर बाबू राम ने कहा कि कमेटी की ओर से जल्द ही इसकी रिपोर्ट बनाकर एनजीटी को भेजी जाएगी व जल्द ही यहां के लोगों को प्रदूषित पानी की समस्या से निजात दिलाई जाएगी।


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