मानसून से पहले सीवरेज की सफाई नही करवाई तो सड़कों पर होगा जलभराव
बारिश से निपटने के लिए नगर निगम की तैयारियां अभी तक आधी अधूरी ही है।
नरेश कद, कपूरथला
जुलाई के पहले हफ्ते में मानसून के आने की संभावना है। बारिश के मौसम से निपटने के लिए नगर निगम की तैयारियां अभी तक आधी-अधूरी ही है। ना तो नालों व सीवरेज की ठीक ढंग से सफाई हो सकी और ना ही जल भराव को रोकने के लिए कोई स्थाई व्यवस्था की जा सकी है। अगर कुछ स्थानों पर नालों की सफाई हुई तो कूड़े के ढ़ेर ऐसे ही लगे हुए जिससे लोग परेशान हो रहे हैं।
बारिश के दिनों में शहर के कई चौकों में नालों के बंद होने के कारण पानी भर जाता है। कई बार तो गंदा पानी लोगों के घरों तक घुस जाता है लेकिन नगर निगम प्रशासन इसके प्रति बेखबर बना हुआ है। कई वर्षों से नालों की सफाई न करवाने के कारण समस्या बरकरार है।
अमृतसर रोड पर स्थित छोटी बेई की कई वर्षों से साफ सफाई नही करवाई गई, यहां पर जंगली बूटी ने पानी निकासी के सभी रास्ते रोके हुए है। बारिश दिनों में यह समस्या विकराल रूप धारण कर लेती है। दैनिक जागरण ने अपनी पड़ताल में पाया कि नगर निगम की ओर से नालों की सफाई के लिए 20 दिन पहले निजी ठेकेदार को पांच लाख रुपये में सभी नालों की सफाई मानसून आने से पहले करवाने का ठेका दिया है। 20 दिन बीत जाने के बाद भी अमृतसर रोड पर स्थित कुछ ही नालों की सफाई की गई है। ठेकेदार की ओर से नालों से निकाली गई गंदगी अभी तक नहीं हटाई गई। इससे आने जाने वालों को परेशानी के साथ साथ कई तरह की बीमारियां लगने का खतरा बना हुआ है। नगर निगम मानसून की तैयारियों को लेकर दावे कर रहा है कि सभी नालों की साफ सफाई कर दी जाएगी। शहर का 80 प्रतिशत इलाका सीवरेज के पाइपों ने घेरा हुआ है और लगभग सभी सीवरेज के पाइप साफ सफाई को लेकर बंद पड़े है और दूसरी तरफ बरसात में फैलने वाली बीमारियों को लेकर भी अभी नगर निगम पंपों में डालने वाली दवाई को खरीदने की तैयारियों में जुटा हुआ है। यदि समय पर शहर के सभी नालों की सफाई न हुई तो शहरवासी बीमारियों के चपेट में आ सकते हैं।
नालों की सफाई का काम जारी : ईओ
जब इस बारे में नगर निगम के ईओ आदर्श कुमार शर्मा के साथ बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मानसून से पहले सभी शहर के नालों की सफाई का ठेका प्राइवेट कंपनी के ठेकेदारों को पांच लाख रुपये दिया गया है, जो मानसून से पहले सभी नालों की सफाई करेंगे। 21 दिनों से नालों की सफाई का काम जारी है। पंपों में डालने वाली दवाई भी जल्द ही खरीदी जा रही है, ताकि लोगों को पीने के लिए साफ पानी मिल सके।