Move to Jagran APP

दवाइयों के लिए भटक रहे दिल के मरीज

कोरोना वायरस के कारण चल रहे क‌र्फ्यू की वजह से सीनियर सिटीजन को शहर में दवाइयों के लिए परेशान होना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 12:17 AM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 12:17 AM (IST)
दवाइयों के लिए भटक रहे दिल के मरीज
दवाइयों के लिए भटक रहे दिल के मरीज

हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला : कोरोना वायरस के कारण चल रहे क‌र्फ्यू की वजह से सीनियर सिटीजन को शहर में दवाइयों के लिए परेशान होना पड़ रहा है। आम दवाइयां तो शहर के विभिन्न केमिस्ट शॉपों पर उपलब्ध हैं, लेकिन हार्ट व बाई पास सर्जरी वाले मरीजों के इस्तेमाल किए जाने वाली दवाइयों शहर के मेडिकल स्टोरों पर नहीं मिल रही हैं। इसके चलते उक्त बीमारियों से जूझ रहे सीनीयर सिटीजन परेशान है। ऐसे मरीजों जिनके बच्चे विदेश या अन्य शहरों में नौकरी कर रहे हैं, उन्हें पास बना कर और ड्राइवर लेकर जालंधर से दवाइयां लानी पड़ रही हैं।

loksabha election banner

इस संबंध में जिला बार एसोसिएशन के साबका अध्यक्ष अशोक कुमार सभ्रवाल का कहना है कि ग्रीन पार्क में वह दोनों मिया बीवी रह रहे हैं, जबकि उनके बच्चें चंडीगढ़ में नौकरी कर रहे हैं। इस वजह से हर छोटे-मोटे काम के लिए उन्हें ही हिम्मत जुटानी पड़ती है। सभ्रवाल ने बताया कि वह उनकी आयु 67 साल हो चुकी है और वह हार्ट के मरीज है। उनकी बाईपास सर्जरी हो चुकी है और स्टंट पड़ा हुआ है, इससे वह ज्यादा चल फिर नही सकते।

उन्होंने बताया कि शुरू में डीसी की तरफ से दवाइयों की होम डिलेवरी का अच्छा कार्य शुरूकरवाया था, जिसका लाभ उन्हें भी मिला, लेकिन बाद में शहर में हार्ट की दवाइयां मिलनी बंद हो गई। चार बार जिला बार एसोसिएशन के प्रधान रहे अशोक सभ्रवाल ने दैनिक जागरण को बताया कि सिविल अस्पताल के पास रेड क्रॉस की शॉप से भी हार्ट की दवाइयां नहीं मिल रही हैं। इसके चलते उन्हें दो बार पास बनवा कर जालंधर से दवाइयां लानी पड़ी है। वहा पर भी ज्यादा स्टाक ना होने से उन्हें 15 दिन की दवाई मिलती है। सभ्रवाल ने बताया कि वह समस्या को जिलाधीश कपूरथला दीप्ति उप्पल के भी ध्यान में ला चुके है। उनकी मांग है कि हार्ट व अन्य बीमारियों की दवाइया केमिस्ट शॉपों पर उपलब्धता यकीनी बनाई जाए।

इसी तरह बाईपास सर्जरी वाले एक अन्य वृद्ध नागरिक एसएल अरोडा और उनकी पत्नी अकेले ही रहते हैं। उनके बच्चें भी दूसरे राज्यों में नौकरी कर रहे हैं। अरोड़ा ने बताया कि वह दोनों मिया बीवी दिल के मरीज है और दोनों की बाईपास हो चुकी है। हालाकि उन्हें कुछ दवाईयां शहर से मिल जाती हैं, लेकिन कुछ दवाएं ऐसी है, जिन्हें उन्हें किसी से निवेदन कर जालंधर से मंगवाना पड़ता है। यदि यह दवाईयां शहर में मिलने लगे तो कम से कम सीनियर सिटीजन के लिए यह बड़ी सुविधा होगी।

दवाइयों की कमी दूर करवाएंगे : एडीसी

इस संबंध में एडीसी राहुल चाबा ने बताया कि शह में दवाइयों की कमी नही है। यह मामला अभी उनके ध्यान में आया है, हो सकता है कोई विशेष दवाई ना मिल री है। उन्होंने बताया कि इन दवाईयों की कमी को भी फौरन दूर करवा दिया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.