दिल्ली में मंदिर तोड़ने की घटना से रविदास समाज में रोष
दिल्ली के तुगलाबाद में स्थित श्री गुरु रविदास महाराज के मंदिर तोड़े जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पंजाब में रोष की लहर चल पड़ी है।
जागरण संवाददाता, कपूरथला : दिल्ली के तुगलाबाद में स्थित श्री गुरु रविदास महाराज के मंदिर तोड़े जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पंजाब में रोष की लहर चल पड़ी है। शनिवार को जैसे ही यह समाचार वायरल हुआ सूबे भर में गुस्साए लोगों ने जगह-जगह ट्रैफिक बाधित कर दिया। पूरे देश में रविदास समाज की ओर से संघर्ष तीखा करने का ऐलान कर दिया गया है। इसी क्रम में शनिवार को कपूरथला के मोहल्ला जट्टपुरा में स्थित श्री गुरु रविदास भवन में प्रधान सिमरु राम की अध्यक्षता में समाज के लोगों की बैठक हुई। बैठक में रविदास भाईचारे से संबंधित सभी लोग एकत्रित हुए। प्रधान सिमरु राम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से तुगलकाबाद क्षेत्र में करीब 600 साल पहले बनाए गए श्री गुरु रविवास मंदिर को तोड़ने के जो आदेश दिए गए हैं वह फैसला गलत है। सरकार पिछड़े वर्ग के लोगों को दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि अगली रणनीति के तहत रविवार को रविदास गुरुद्वारा साहिब में सुबह 10 बजे बैठक की जाएगी। उधर, बहुजन समाज पार्टी के जिला प्रधान राकेश दातारपुरी ने कहा कि केंद्र सरकार के अलावा दिल्ली की सरकार ने श्री गुरु रविदास मदिर की जो बेअदबी की है उसे रविदासिया समाज किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगा। इसी के तहत रविवार को सुबह दस बजे बहुजन समाज पार्टी के समूह कार्यकर्ता व समूह रविदास समाज के लोग मोहल्ला जटटपुरा के श्री गुरु रविदास भवन में एकत्रित होंगे। इसके बाद रोष प्रदर्शन करते हुए डीसी चौक पहुंचेंगे जहां दो घंटे धरना प्रदर्शन किया जाएगा। बैठक में बहुजन समाज पार्टी के जिला प्रधान राकेश दातारपुरी, पूर्व पार्षद अमरजीत सिंह, मनमोहन बबला, अमरजीत सिंह थिद, राम सिंह, इंद्रजीत सोनू, बाबा प्रगट सिंह, हरबख्श सिंह, सुखमिदर सिंह थिद, नरिदर घोदी, भगवान दास काला, रमेश कलसी, मास्टर अमरतेज पाल सिंह, महेश कुमार, सुनील कुमार, रजिदर कुमार, जगदीश कुमार, गोपी राम, राजन, गुरदास राम, नन्नू, मास्टर हंसराज, जसविदर बिटटा, दर्शन सिंह सूबेदार, गोपाल कृष्ण, रजिदर मिटू, संतोख सिंह मौजूद थे।
डॉ. आंबेडकर सोसायटी ने की निदा
डॉ. आंबेडकर सोसायटी के प्रधान गुरमुख ढोट ने कहा कि सरकारें लोगों का ध्यान चंद मुद्दों से हटाकर धार्मिक व अन्य मुद्दों पर उलझा रही है ताकि लोग आपसी लड़ाई झगड़ों में उलझे रहें और सरकारें अपना उल्लू सीधा करती रहें। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की निदा करते हुए कहा कि रविदास समाज इसके लिए संघर्ष की राह पर चलेगा।
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