किसानों को सब्जी की काश्त और भंडारण के टिप्स दिए
कृषि विज्ञान केंद्र कपूरथला की ओर से किसान मेला करवाया गया।
जागरण संवाददाता, कपूरथला : कृषि विज्ञान केंद्र कपूरथला की ओर से निर्देशक प्रसार शिक्षा, पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना की अगुआई में तथा निर्देशक आइसीएआर-अटारी लुधियाना के निर्देशों पर सब्जियों की काश्त, भंडारण, प्रोसेसिग व निर्यात संबंधी किसान मेला लगाया गया। किसान मेले में 200 से अधिक किसानों ने शिरकत की। कई विज्ञानी और किसान आनलाइन प्रोग्राम से जुड़े।
मुख्य मेहमान डा. जीपीएस सोढी अतिरिक्त निर्देशक पसार शिक्षा पीएयू लुधियाना ने अपने कुदरती स्त्रोतों को बचाने के लिए मिल कर प्रयास करने पर जोर दिया। उन्होंने किसानों को आलू के निर्यात के लिए भी प्रेरित किया। कृषि विज्ञान केंद्र के निर्देशक डा. सतबीर सिंह ने किसानों का स्वागत करते हुए उन्हें आलू के निर्यात के लिए प्रेरित किया। पीएयू के सीनियर विज्ञानी डा. राकेश शारदा ने आलु की तुपका सिचाई के महत्व पर प्रकाश डाला। पीएयू के सीनियर साइंसदान डा. जुगराज सिंह ने आलुओं की काश्त बारे में उपलब्ध विभिन्न किस्म की मशीनरी के बारे में बताया। डा. सतपाल शर्मा पीएयू लुधियाना ने किसानों को आलू की नई तकनीक से उत्पादन के बारे में जागरूक किया।
डा. सतपाल शर्मा ने किसानों को पराली को आग ना लगाने बारे जागरुक किया। डा. रविदर सिंह चंदी ने किसानों को आलू की फसल को लगने वाली बीमारी की रोकथाम के बारे में जागरूक किया। किसानों को सरकार की ओर से चलाई जा रही स्कीमों के बारे डा. लाल बहादुर, डिप्टी डायरेक्टर बागबानी कपूरथला ने बताया। डा. अणनदीर कौर ने सब्जियों की नई किस्मों के बारे में जानकारी दी।
केवीके के डा. अमित सलारिया ने किसानों को जैविक खेती अपनाने के बारे में भी प्रेरित किया और सब्जियों की नई किस्मों तथा खेती तकनीकों बारे में भी जानकारी दी। डा. गोबिदर सिंह ने मंच संलाचन करते हुए किसानों को मिट्टी की जांच करवाने के लिए प्रेरित किया। इस मौके क्षेत्रीय खोज केंद्र कपूरथला एवं जिला के विभिन्न खेती संगठनों व कंपनियों ने अपने विभागों की प्रदर्शनी भी लगाई।
इस प्रोग्राम का आनलाइन प्रसारण रमनदीप कौर ने किया। डा. प्रदीप कुमार फार्म सलाहकार सेवा कपूरथला ने किसानों का धन्यवाद किया। मौके पर डा. बिदू, अवनीत कौर, डा. सुमन कुमारी, क्षेत्रीय खोज केंद्र कपूरथला से डा. अनुराधा, डा. अनूशा रेड्डी के अलावा विभिन्न गांवों के किसान उपस्थित थे।