निजीकरण के खिलाफ सड़क पर उतरे कर्मचारी
आरसीएफ के कर्मचारियों ने निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, कपूरथला : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर शुक्रवार को आरसीएफ के कर्मचारियों ने आरसीएफ बचाओ संघर्ष कमेटी के बैनर तले केंद्र सरकार के खिलाफ डॉ. आंबेडकर चौक पर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने कोयला उद्योग, असला फैक्ट्रियों, एलआईसी, बीपीसीएल, बीएसएनल, एयर इंडिया व भारतीय रेलवे आदि के निजीकरण खिलाफ चल रहे संघर्षो व देश के मजदूरों, किसानों, नौजवानों आदि के संघर्षों से एकजुटता प्रकट की।
कर्मचारियों को संबोधित करते हुए यूनियन नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार की पूंजीपति व श्रमिक विरोधी नीतियों के कारण कारण कोयला उद्योग के कर्मचारी हड़ताल पर हैं। देश के मजदूर, किसान एकजुट होकर सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं। रेल कोच फैक्ट्री के कर्मचारी सरकार की नीतियों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बिबेक देबराय कमेटी की सिफारिश पर पिछले वर्ष 18 जून को जारी 100 दिवसीय कार्य योजना पर अमल करना शुरू कर दिया है जो कि भारतीय रेलवे का निजीकरण है। मोदी सरकार रेलवे की उत्पादन इकाइयों को निगमीकरण के नाम पर पूंजीपतियों के हवाले करने के लिए प्रयत्नशील है। देश के 109 रूटों पर लगभग 190 रेलगाड़ियां चलाने के लिए निजी कंपनियों को जिम्मेदारी दी गई है। मंजीत सिंह बाजवा व तालिब मोहम्मद, जसवंत सैनी ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आरसीएफ बचाओ संघर्ष कमेटी जल्द ही संघर्ष की रूपरेखा तैयार करेगी।
प्रदर्शन के दौरान जीत सिंह, रंजीत सिंह, राजवीर शर्मा, हरिदत्त, परमजीत सिंह खालसा, वेद प्रकाश, उमाशंकर, जयपाल सिंह फोगाट, सुखबीर सिंह, दर्शन लाल, एमके भटनागर, आरसी मीना, अरविद प्रसाद आदि उपस्थित थे।