संत सीचेवाल का डॉक्टरों ने लिया सैंपल, कोरोना के शिकार बने पूर्व हुजूरी रागी निर्मल सिंह से मिले थे
कोराेना के शिकार बने श्री हरिमंदिर साहिब के पूर्व हुजूरी रागी निर्मल सिंह ने संत बलबीर सिंह सींचेवाल से भी मुलाकात की थी। खुलासा होने पर संत सीचेवाल की जांच कर सैंपल लिए गए हैं।
कपूरथला, [हरनेक सिंह जैनपुरी]। कोरोना वायरस से दम तोड़ने वाले श्री हरिमंदिर साहिब के पूर्व हजूरी रागी व पद्मश्री भाई निर्मल सिंह खालसा 13 मार्च को पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल से भी मिले थे। यह मुलाकात गांव गिदड़पिंडी पास सतलुज को साफ करने की चल रही कारसेवा दौरान हुई थी। सुल्तानपुर लोधी के सिविल अस्पताल के डॉक्टरों की विशेष टीम ने निर्मल कुटिया जाकर संत सीचेवाल के सेहत की जांच की और कोरोना जांच के लिए सैंपल लिये।
13 मार्च को गिदड़पिंडी में सतलुज बांध की कारसेवा के दौरान हुई थी मुलाकात
जांच के दौरान डॉक्टरों ने संतोष जताया। इसके पश्चात संत सीचेवाल संगत की सेवा के लिए निकल पड़े। गांव सीचेवाल पहुंचने पर शाहकोट व नकोदर के डॉक्टरों की टीम ने भी संत सीचेवाल का चेकअप किया। टीमों की तरफ से संत सीचवाल को पूरी तरह स्वस्थ्य बताया गया। उधर, एहतियातन एसडीएम सुल्तानपुर डॉक्टर चारूमिता ने संत सीचेवाल को एकांतवास में रहने को कहा है।
संत बलबीर सिंह सीचेवाल के साथ श्री हरिमंदिर साहिब के पूर्व रागी निर्मल सिंह।
एसडीएम ने संत सीचेवाल को अकेले रहने के लिए कहा, तीन सेवादारों को किया क्वारंटाइन
संत सीचेवाल व भाई निर्मल ङ्क्षसह की मुलाकात के दौरान मौजूद रहे तीन सेवादारों को उनके घरों में क्वारंटाइन कर दिया गया है। इस बारे में संत बलबीर ङ्क्षसह सीचेवाल का कहना है कि वह पूरी तरह स्वस्थ्य है। भाई निर्मल से मुलाकात हुए 20 दिन हो गया है। अगर कोई दिक्कत हो तो उसके लक्षण 14 दिनों में साफ हो जाते हैं, इस लिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए लोग फिजिकल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें। साथ ही प्रशासन व पुलिस को सहयोग करें। संत सीचेवाल ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए खुद को मानसिक तौर पर मजबूत रखना भी बेहद जरूरी है।
पद्मश्री निर्मल सिंह जीवन परिचय
- 12 अप्रैल 1952 को गांव जंडवाला भीम ङ्क्षसह जिला फिरोपुर में जन्म हुआ।
- 1974 से 1976 तक शहीद सिख मिशनरी कॉलेज से गुरमति संगीत में डिप्लोमा किया।
—1977 में ऋषिकेष स्थित गुरमति कॉलेज में संगीत बतौर अध्यापक नियुक्त हुए।
— 1978 में शहीद सिख मिशनरी कालेज बुढ्ढा जौहर गंगानगर राजस्थान में संगीत के अध्यापक के तौर पर सेवाएं दी।
- 1979 में एसजीपीसी द्वारा उन्हें श्री हरिमंदिर साहिब में हजूरी रागी तैनात किया गया।
- 71 देशों में जाकर निर्मल ङ्क्षसह ने कीर्तन व सिख धर्म का प्रचार किया।
- पहले रागी, जिन्हें श्री गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज 31 रागों की पूर्ण जानकारी थी।
- 2009 में उन्हें भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्मश्री से नवाजा गया।
- 50 से अधिक उनकी आडियों, वीडियो, वीसीडी, डीवीडी व एमपी थ्री कैसेटें रिलीज हुईं।
- पंजाब सरकार के भाषा विभाग की एडवाइजरी कमेटी के भी सदस्य रहे।
- एसजीपीसी द्वारा रागियों के चयन के लिए गठित की गई कमेटी के भी वह सदस्य थे।
- पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला में उनके द्वारा लिखी गई दो संगीत की पुस्तकें पढ़ाई जा रही है।
- पाकिस्तान के गजल गायक गुलाम अली को अपना उस्ताद धारण किया था।
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अंतिम संस्कार रोकने की अनुमति न दे सरकार : सुखबीर
उधर, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि पंजाब सरकार सुनिश्चित करे कि प्रदेश में किसी का अंतिम संस्कार रोकने की घटना फिर न हो। सुखबीर ने कुछ समाज विरोधी तत्वों द्वारा पूर्व हजूरी रागी भाई निर्मल सिंह खालसा का वेरका में अंतिम संस्कार करने से रोकने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना का सख्त नोटिस लिया है।
उन्होंने कहा कि ऐसी हरकत से सिख पंथ की प्रसिद्ध हस्ती की मृतक देह का अपमान किया गया है। ऐसे मामलों में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से तत्काल हस्तक्षेप करें। ऐसे कृत्य मानवता के खिलाफ हैं जिनके समाज को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। जिन व्यक्तियों ने वेरका के श्मशानघाट को ताला लगाया था, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। सरकार द्वारा स्पष्ट दिशा निर्देश भी जारी किया जाए कि किसी भी कोरोना संक्रमित का अंतिम संस्कार करने से रोका नहीं जाएगा।
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