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दीपावली पर चाइनीज लड़ियों की जगह जलेंगे मिट्टी के दीये

दीपावली पर चाइनीज लड़ियों की जगह मिट्टी के दीये घरों को रोशन करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 07:30 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 07:30 AM (IST)
दीपावली पर चाइनीज लड़ियों की जगह जलेंगे मिट्टी के दीये
दीपावली पर चाइनीज लड़ियों की जगह जलेंगे मिट्टी के दीये

हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला

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चीन के चल रही तनातनी एवं वोकल फार लोकल के तहत इस बार दीपावली पर चाइनीज लड़ियों की जगह मिट्टी के दीये घरों को रोशन करेंगे। चाइनीज लड़ियों की भरमार की वजह से दीपावली पर मिट्टी के दीये बनाने वालों का कारोबार प्रभावित हो रहा था। इस बार चाइनीज लड़ियां मार्केट में दिखाई नही दे रही है तथा मिट्टी के दीये बनाने वाले काफी उत्साहित दिख रहे हैं।

दीपावली की आहट नवरात्र के बाद से ही सुनाई देने लग गई है। दीपावली को लेकर बाजारों में दुकानदारों की ओर से तैयारियां की गई हैं। कई सालों से बाजारों में चाइनीज लड़ियों का ही बोलबाला रहता था लेकिन इस बार परंपरागत मिट्टी के दीये घरों को रोशन करेंगे। पिछले कुछ समय से दीपावली मनाने के तौर-तरीकों में तमाम बदलाव आए हैं लेकिन मिट्टी के दीये जलाने का ट्रेंड आज भी वैसा ही है। कुम्हारों ने भी दीपावली के लिए दीये व साथ में बच्चों के लिए गोलक आदि बनाकर पूरी तैयारी की हुई है।

लोगों की ओर से भी बाजार से मिट्टी के दीये ही खरीद किए जा रहे हैं। मिट्टी के दीये बेचने वाली मंसूरवाल निवासी वंदना ने कहा कि उसने दीये अभी लगाए हैं लेकिन लोग खरीदने के लिए आने लगे हैं। पिछले साल की तुलना में इस बार अधिक दीये बिक रहे हैं।

शुभ माना जाता है मिट्टी के दीयों को जलाना

वैसे बाजार में रेडीमेड दीये और कैंडल भी लोगों को खूब पसंद आ रहा हैं लेकिन मिट्टी के दीये की डिमांड भी कम नहीं है। नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी की सोच में बड़ा फर्क है। नई पीढ़ी के लोग जहां डिजाइनर लाइटिग पसंद करते हैं, वहीं पुरानी पीढ़ी के लोग आज भी मिट्टी के दीयों को जलाना ही शुभ मानते हैं।

पुरातन परंपरा का कर रहे पालन

गृहणी राजप्रीत कौर, सतिदरजीत कौर व पूजा का मानना है कि दीपों का उत्सव तो मिट्टी के दीयों के साथ ही अच्छा लगता है। हालांकि ट्रेडिशनल होना भी फैशन का एक हिस्सा ही है, लेकिन जिस तरह से हम पले-बढ़े हैं और हमने बचपन से जिस परंपरा को देखा है उसका आज भी पालन कर रहे हैं। इस बात से तो इन्कार नहीं किया जा सकता कि दीपावली दीयों के बिना अधूरी लगती है। इस संबंध में अनीता साहिर का कहना है कि इस बार बाजारों में चाइनीज लड़ियों की जगह मिट्टी के दीयों ने ले ली है।


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