नवरात्र के पहले दिन शैलपुत्री की आराधना को मंदिरों पर उमड़े भक्त
शरद नवरात्र के पहले दिन भक्तों ने मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की।
क्रासर
--कई मंदिरों में शाम के समय महिलाओं ने समूह में छंद गाकर मां दुर्गा की महिमा का गुणगान किया
--सुबह पांच बजे के करीब मंदिर के कपाट खुलने के बाद भक्तों ने माता रानी के सामने मत्था टेका जागरण संवाददाता, कपूरथला : शरद नवरात्र के पहले दिन भक्तों ने मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की। शहर के कचहरी चौक स्थित प्राचीनतम पंच मुखी शिव मंदिर और सुभाष चौक स्थित शिव मंदिर में सुबह पांच बजे श्री दुर्गा स्तुति के पाठ आरंभ हो गए हैं। इसी तरह माल रोड स्थित मणि महेश मंदिर में दोपहर तीन बजे से शाम पांच बजे तक और श्री सत्य नारायण मंदिर में रात्रि सात से नौ बजे तक श्री दुर्गा स्तुति पाठ आरंभ कर दिए गए हैं, जो दुर्गा अष्टमी तक चलेंगे।
मणि महेश मंदिर में श्री दुर्गा स्तुति पाठ के समय मोहनी दत्ता, बिमला, कंचन, सीमा जोशी, सीमा जग्गी, ज्योति, मीनाक्षी शर्मा, ऊषा अरोड़ा, सुषमा, मीनू सिंगला, दीपिका, विजय ठाकुर, भोली शर्मा, ऊषा, सीमा जुनेजा, शुक्ला शर्मा आदि मौजूद थे। रविवार को नवरात्र के पहले दिन पूजा अर्चना के लिए घर-घर में मां दुर्गा की चौकी स्थापित की गई। विधि विधान से कलश स्थापना के बाद पूजा अर्चना की गई। सुबह के वक्त मंदिरों में भक्तों की भीड़ रही। जैसे-जैसे समय बढ़ता गया भक्तों के पहुंचने का सिलसिला बढ़ा। कई मंदिरों में शाम के समय महिलाओं ने समूह में छंद गाकर मां दुर्गा की महिमा का गुणगान किया। भक्तों ने व्रत रखकर उपासना की। हर तरफ भक्ति का माहौल दिखा। शाम को भी श्रद्धालु मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए पहुंचे।
मां के स्वरूप देख निहाल हुए भक्त
नवरात्र के पहले दिन कचहरी चौक स्थित पंचमुखी शिव मंदिर और मणि महेश मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया। सुबह पांच बजे के करीब मंदिर के कपाट खुलने के बाद भक्तों ने मातारानी के सामने मत्था टेका और मन्नत मांगी। हाथ में पूजा की थाली लिए महिलाओं ने सबसे पहले पूजन किया। इसी तरह भक्तों ने मंदिर, सुभाष चौक के शिव मंदिर, देवी तालाब स्थित माता रानी मंदिर, जालंधर बाईपास स्थित शिव मंदिर, बाबा तेलू की कुटिया के नजदीक बगीची शिव मंदिर, ब्रह्मकुंड स्थित शिव मंदिर में भी लोगों ने मत्था टेका।
नौ दिवसीय अनुष्ठान भी शुरू
नवरात्र के पहले दिन सुबह लोगों ने विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की। इसके साथ ही नौ दिवसीय अनुष्ठान भी शुरू कर दिया। कहीं लोगों ने दुर्गा सप्तसती का पाठ शुरू किया तो कहीं व्रत रखकर पूजन शुरू किया गया। कुछ ने नवरात्र के पहले दिन का व्रत रखा तो कुछ ने नौ दिनों का व्रत रखा हुआ है।