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धमक पैदा करने, पटाखे व आतिशबाजी चलाने पर रहेगी पाबंदी

जिले में कोई भी ध्वनि प्रदूषण/ज्यादा शोर करने वाले यंत्रों तथा आतिशबाजी पर पाबंदी लागू होगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 01:51 AM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 01:51 AM (IST)
धमक पैदा करने, पटाखे व आतिशबाजी चलाने पर रहेगी पाबंदी
धमक पैदा करने, पटाखे व आतिशबाजी चलाने पर रहेगी पाबंदी

संवाद सहयोगी, कपूरथला : जिले में कोई भी ध्वनि प्रदूषण/ज्यादा शोर करने वाले यंत्रों, संगीत वाले व किसी तरह की धमक पैदा करने योग्य व किसी भी तरह के पटाखों तथा आतिशबाजी चलाने पर पूर्ण तौर से पाबंदी लागू होगी। यह पाबंदी केवल रंग पैदा करने वाले पटाखों व फुलझड़ियों पर लागू नहीं होगी।

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जिला मजिस्ट्रेट कपूरथला इंजी. डीपीएस खरबंदा ने सुप्रीम कोर्ट की हिदायताों के अनुसार उक्त आदेश जारी किए हैं। इसी तरह गाड़ियों आदि में किसी तरह के प्रेशर हार्न, धमक, ज्यादा आवाज करने वाले हार्न को बजाने पर पूर्ण तौर से पाबंदी होगी। केवल सरकार की ओर से निर्धारित किए गए हार्न, जो ध्वनि प्रदूषण से रहित हों वह ही निर्धारित आवाज में बजाए जा सकते हैं।

इसके अलावा गैर सरकारी इमारतों, व्यापारिक दुकानों, सार्वजनिक स्थानों, सिनेमाहाल, होटलों, मॉल, रेस्टोरेंट व मेलों आदि में ऊंची आवाज व धमक पैदा करने वाले म्यूजिक पर पूर्ण पाबंदी होगी। साइलेंस जोन जैसे कि मंत्रालय, जंगलात, अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों, अदालतों आदि के 100 मीटर के घेरे में आतिशबाजी/पटाखों/लाउड स्पीकरों/प्रेशर हार्नो व शोर पैदा करने वाले यंत्रों के चलाने/लगाने पर पूर्ण पाबंदी होगी।

जोन की श्रेणी अनुसार इंस्ट्रियल एरिया में ध्वनि सीमा दिन के समय 75 डेसीबल व रात के समय 70 डेसीबल से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसी तरह व्यापारिक इलाके में दिन के समय 65 डेसीबल व रात के समय 55 डेसीबल, रिहायशी इलाके में 55 डेसीबल व रात के समय 45 डेसीबल तथा साइलेंस जोन में दिन के समय 50 डेसीबल व रात के समय 40 डेसीबल से अधिक नहीं होनी चाहिए। सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक के समय को दिन का समय व रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक के समय को रात का समय माना जाएगा। यह आदेश सरकारी मिशनरी व इमरजेंसी की स्थिति में लागू नहीं होगा। यह आदेश 26 नवंबर तक लागू रहेंगे।


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