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अपलोड नहीं हो रहा डाटा, गेहूं की खरीद में फंसा पेंच

जिले की मंडियों में गेहूं की आमद शुरू हो चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 09:29 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 09:29 PM (IST)
अपलोड नहीं हो रहा डाटा, गेहूं की खरीद में फंसा पेंच
अपलोड नहीं हो रहा डाटा, गेहूं की खरीद में फंसा पेंच

हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला

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जिले की मंडियों में गेहूं की आमद शुरू हो चुकी है लेकिन खरीद को लेकर अभी रफ्तार बेहद धीमी है। इस बार गेहूं की सीधी अदायगी के चलते आढ़ती भी निराश दिख रहे हैं। गेहूं की खरीद में नए नियम आने से किसानों से खरीद की गई गेहूं का मार्केट कमेटी, फूड सप्लाई तथा आढ़तियों के संयुक्त प्रयास से डाटा पोर्टल सिस्टम पर अपलोड नही हो रहा है जिससे किसान, आढ़ती परेशान है। अगर डाटा अपलोड नही होगा तो किसान को गेहूं का भुगतान हो पाना संभव नही है।

बैसाखी पर मंगलवार को गेहूं की कटाई में कुछ तेजी आई है हालाकि मौसम में ठंडक के चलते इस बार गेहूं की कटाई थोड़ी धीमी गति से चल रही है। अभी तक मंडियों में 7678 टन कनक की खरीद आमद हुई है और मंगलवार को 4189 टन कनक पहुंची है जिसमें 71 फीसद गेहूं की खरीद हुई है। अभी तक सिर्फ 140 टन गेहूं की लिफ्टिंग हुई है जबकि भुगतान नही हुआ है। पनग्रेन की तरफ से 460, मार्कफेड की तरफ से 1530, पनसप की ओर से 842, पीएसडब्लयूसी की ओर से 557 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है। एफसीआई की तरफ से अभी तक गेहूं की खरीद नही की गई है। मार्कफेड की तरफ से 100 टन और पनग्रेन की ओर से 40 टन गेहूं की लिफ्टिंग की गई है।

उधर, मंडियों में बारदाने की भारी कमी है। नई दाना मंडी कपूरथला में गेहूं की आमद के हिसाब से मात्र 50 फीसदी ही बारदाना है। बारदाना ना होने से लिफ्टिंग की भी समस्या बरकरार है।

आढ़तिया एसोसिएशन के वाइस प्रधान रजिदर कौड़ा का कहना है कि किसानों की फसल का डाटा अपलोड करने का कार्य धीमा है, जिससे गेहूं की खरीद गति नही पकड़ सकी है। इसके लिए मार्केट कमेटी व फूड सप्लाई विभाग के कर्मचारी लगातार प्रयास कर रहे हैं।

गांव रत्ता के किसान मलकीत सिंह एवं गांव कडाल के भजन सिंह का कहना है कि पहले गेहूं काट कर मंडी में आते थे और एक ही दिन में बेच कर चले जाते थे। कुछ दिनों बाद गेहूं का भुगतान हो जाता था। इस बार हर कोई परेशान है। किसानों को गेहूं की खरीद में आसानी लानी चाहिए लेकिन उलटा शर्ते लगा कर किसानों को परेशान किया जा रहा है।


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