दरिया ब्यास से आई बाढ़ से हजारो एकड़ फसल डूबी
दरिया ब्यास का जल स्तर बढ़ने के कारण सुल्तानपुर लोधी में बाढ़ से फसल हो रहा नुकसान
संवाद सहयोगी, सुल्तानपुर लोधी : दरिया ब्यास का जल स्तर बढ़ने के कारण सुल्तानपुर लोधी के मंड क्षेत्र में स्थित गांव शेरपुर डोगरा, महिनवाल, मंड मुंडा, चौधरीवाल, मंड मोहम्मदा बाद, बाउपुर, सांगरा, सबदुल्लापुर आदि गांवों के सैकड़ों किसानों की धान की फसल पानी में डूब गई है। इस वजह से किसान बेहद परेशान है, जिन्होंने सरकार व प्रशासन से किसानों की फौरी मदद करने की गुहार लगाई है। श्री गुरु नानक देव जी प्रेस क्लब सुल्तानपुर लोधी में वीरवार शाम को कई गांवों के किसानों ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि दरिया ब्यास के दोनों किनारों पर किसानों की हजारों एकड़ धान की फसल पानी बढ़ने से डूब गई है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से ब्यास नदी का स्तर बढ़ने से उनके खेतों में भारी मात्रा में पानी आ गया है, जिससे मंड क्षेत्र की सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है। कई जानवर डूब गए हैं, जिससे क्षेत्र में बदबू फैल रही है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद सरकार या प्रशासन ने उनकी कोई पूछ-ताछ नहीं की है। इस मौके पर किसानों ने पत्रकारों से कहा कि सुल्तानपुर लोधी के निर्वाचन विधायक भी हमारी सुध लेने नहीं आए।
इस मौके पर उन्होंने मौजूदा आप सरकार और आम आदमी पार्टी के विधान सभा हलके के इंचार्ज पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने भी किसानों की कोई सुधि नहीं ली है। इस मौके पर उन्होंने प्रशासन से मांग की कि प्रशासन शहर में जाकर बयानबाजी से काम न करे बल्कि जमीनी स्तर पर आकर हमारे खेतों में जाकर हालात देखें।
इस मौके पर उन्होंने पंजाब सरकार और प्रशासन से मांग की कि प्रशासन क्षतिग्रस्त फसलों की उचित गिरदावरी कराकर किसानों को उचित मुआवजा प्रदान करे। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से पहाडों में भारी बारिश और बादल फटने के बाद बन रही चक्की नदी का रेलवे पुल टूट जाने से पोंग बांध में जलस्तर बढ़ने से ब्यास नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ गया है।
इस वजह से लोधी मंड सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है। किसानों द्वारा फसलों की सुरक्षा के लिए लगाए गए चार अस्थाई बांध भी टूट गए हैं। जिससे बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। मंड क्षेत्र के किसानों ने कहा कि ब्यास नदी में अचानक जलस्तर बढ़ने से प्रशासन ने हमें कोई सूचना नहीं दी और पानी खतरनाक रूप ले रहा है और अब तक सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो चुकी है। इससे फसलों को पानी में डूबाने के अलावा कई गांवों के किसान अपने घरों से निकल कर ऊंची जमीन पर पहुंच गए हैं। फसलों को काफी नुकसान हुआ है।
किसानों का कहना है कि फसल बीजने का सारा खर्चा बेकार चल गया। अब कुछ नहीं बचा। धान की सारी फसल खराब हो गई है और फिर हमारे पास धान बोने का समय नहीं है। इस मौके पर किसान नेताओं में अमर सिंह मंड, हिम्मत सिंह पंच महिनवाल, गुरमेज सिंह पंच चौधरीवाल, अमरीक सिंह पूर्व पंच, हरदीप सिंह महिनवाल, मनजीत सिंह, जसबीर सिंह, मलकीत सिंह, मनजीत सिंह खिजरपुर, गुरप्रीत सिंह, पूरन सिंह, हरमेश सिंह, बलविदर सिंह बिट्टू, बलविदर सिंह सफदलपुर, चिदर सिंह, हरप्रीत सिंह, सतनाम सिंह, गुरजिदर सिंह महिनवाल, गुरविदर सिंह आदि भी मौजूद थे।