कार सेवा से सतलुज की सफाई, मजबूत बना बांध
संत सीचेवाल ने कार सेवा की मदद से सतलुज का बांध मजबूत बनाया।
हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला
हर साल मानसून से पहले जिला प्रशासन बाढ़ से निपटने के मुकम्मल प्रबंध करने का दावा करती है लेकिन हकीकत में कुछ भी नहीं हो पाता है। हर साल पहले बाढ़ रोकने के नाम पर और बाद में बाढ़ से बर्बाद हुए फसल का मुआवजा देने के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च हो जाता है लेकिन जिला प्रशासन बाढ़ से निपटने का कोई स्थायी समाधान नहीं करवा सकी है। संत सीचेवाल ने कार सेवा की मदद से ना सिर्फ दरिया को साफ करने का काम किया है बल्कि 65 किलोमीटर बांध को 35 फीट चौड़ा कर बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान निकाला है।
पिछले साल सुल्तानपुर लोधी व गिदड़पिडी में आई बाढ़ से करीब दो महीने तक मुश्किलों का सामाना करना पड़ा। बाढ़ से लगभग 96 गांवों के किसानों की फसल बर्बाद हो गई। लगभग 42 गांवों में लोगों के घरों में पानी चले जाने से आर्थिक नुकसान हुआ था। सरकार व प्रशासन ने तो कभी कोई सबक नही लिया लेकिन संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने ना सिर्फ बाढ़ से प्रभावित लोगों तक रोजाना राशन पहुंचाया बल्कि खेतों में दोबारा फसल लगाने के तीन महीने तक ट्रैक्टरों की मदद से जमीन को समतल कर किसानों को राहत पहुंचाई।
बांध को मजबूत बनाने के लिए जिला प्रशासन को सरकार की ओर से पर्याप्त फंड भी नहीं मुहैया करवाया गया। ऐसे में संत बलबीर सिंह सीचेवाल एक मसीहा के तौर पर फिर आगे आए और कार सेवा से गिदडपिडी क्षेत्र में बाढ़ का स्थायी हल कर दिखाया। संत सीचेवाल ने आस पास के गांवों के लोगों की मदद से दरिया से मिट्टी निकाल कर 108 साल पुराने रेलवे पुल को मजबूत बनाया। इसके बाद सतलुज के दोनों तरफ करीब 65 किलोमीटर लंबे बांध को 35 फीट चौड़ा और 15 फीट ऊंचा कर बाढ़ का स्थायी हल भी निकाल कर रख दिया है। सतलुज बांध के मजबूत होने से अब 100 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आने से बच सकेंगे।
ब्यास के बांध को मजबूत बनाने की योजनाएं अधर में
उधर, बेगोवाल व ढिलवां से सुल्तानपुर लोधी तक ब्यास के बांध को मजबूत बनाने की योजनाएं कागजों तक ही सीमत है। डीसी दीप्ति उप्पल का कहना है जिला प्रशासन बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क है। बांध को मजबूत बनाने की तरफ भी ध्यान दिया जा रहा है।