स्वाइन फलू से चौकस रहने की जरूरत: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. बलवंत ¨सह ने कहा कि स्वाइन फलू से डरने की नही, बल्कि इससे चौकस रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कि स्वाइन फलू के साथ निपटने के लिए सेहत विभाग के पास उचित प्रबंध है। मौसम में बदलाव के साथ स्वाइन फ्लू का वायरस फैलने का खतरा बना रहता है।
संवाद सहयोगी, कपूरथला : सिविल सर्जन डॉ. बलवंत ¨सह ने कहा कि स्वाइन फलू से डरने की नही, बल्कि इससे चौकस रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कि स्वाइन फलू के साथ निपटने के लिए सेहत विभाग के पास उचित प्रबंध है। मौसम में बदलाव के साथ स्वाइन फ्लू का वायरस फैलने का खतरा बना रहता है। स्वाइन फ्लू एचवनएनवन वायरस के कारण एक मनुष्य को दूसरे मनुष्य में सांस के जरिये फैलता है। उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू से पीड़ित व्यक्ति से कम से कम 3 मीटर की दूरी बना कर मुंह पर मास्क बांध कर रखें, मरीज के साथ हाथ मिलाने से भी गुरेज करें। सहायक सिविल सर्जन डॉ. रमेश कुमारी बंगा ने कहा कि जागरुकता ही बचाव है। उन्होंने कहा कि सावधान और जागरुक रहकर इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सेहत विभाग के हेल्थ वर्करों की ओर से स्वाइन फ्लू के बचाव के लिए लोगों को जागरुक किया जा रहा है। उन्होंने लोगों को अपील कि सेल्फ मेडीकेशन से बचा जाए व किसी भी तरह के लक्षण नजर आने पर सिविल अस्पताल के माहिर डाक्टरों के साथ संपर्क करना चाहिए। जिला सेहत अधिकारी डॉ. कुलजीत ¨सह ने बताया कि बुखार होना, ठंड लगना, लगा खराब होना, शरीर में तेज दर्द और कमजोरी होना स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं। उन्होंने सलाह दी कि खांसी या छींकते समय मुंह और नाक के आगे रूमाल रखना चाहिए। रुमाल की जगह टिशू का इस्तेमाल करना चाहिए। सीनियर मेडिकल अधिकारी डॉ. रीटा बाला ने बताया कि सिविल अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं 24 घंटे, मेडिकल स्पेशलिस्ट उपलब्ध है व स्वाइन फ्लू का इलाज सिविल अस्पताल में मुफ्त किया जाता है।