पंजाबी भाषा के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ जताया विरोध
अखर मंच कपूरथला की एक बैठक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सरवन सिंह औजला की अध्यक्षता में हुई।
संवाद सहयोगी, कपूरथला : अखर मंच कपूरथला की एक बैठक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सरवन सिंह औजला की अध्यक्षता में हुई। जम्मू-कश्मीर और राजस्थान राज्यों में पंजाबी को तीसरी भाषा के दर्जे से वंचित करने के फैसले पर चिता व्यक्त की गई। कवि गुरभजन सिंह लसानी ने इसे घोर अन्याय बताया। डॉ. सरदूल सिंह औजला ने कहा कि पहले हमने पंजाबी भाषा के क्षेत्र बनाए हैं लेकिन अब हमारी भाषा को मान्यता दी जा रही है। जिला विकलांग समाज कपूरथला की ओर से राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मंगल सिंह भंडाल ने अपना विरोध दर्ज कराया।
एडवोकेट खलार सिंह धम्म ने पंजाबी भाषा से प्रेम करने वाले लोगों को जागने और आवाज उठाने का आह्वान किया। सुखविदर मोहन सिंह भाटिया ने कहा कि सभी राजनीतिक और साहित्यिक संस्थाओं को एकजुट होकर इस अन्याय के खिलाफ जन आंदोलन छेड़ना चाहिए। प्रोफेसर कुलवंत सिंह औजला ने कहा कि सत्तारूढ़ सेना लोगों की जड़ों, भाषाओं और पहचान को उखाड़ फेंकना चाहती है और हमें एकजुट होकर एक शक्तिशाली आवाज बनना चाहिए। उन्होंने उपस्थित सदस्यों का धन्यवाद किया। बैठक में जसविदर सिंह चहल, हरमिदर सिंह बाजवा, बलजीत सिंह बाजवा, नवदीप कौर औजला, बीबी गुरविदर कौर, चरणजीत सिंह और कलाकार जसबीर सिंह संधू आदि मौजूद थे।