सोशल मीडिया के अकाउंट आधार से लिंक होना जरूरी: विक्रांत राणा
अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन के डायरेक्टर लीगल सेल पंजाब एडवोकेट विक्रांत राणा ने बताया कि फर्जी खबरों के प्रसार मानहानि अश्लील राष्ट्र विरोधी और आतंकवाद से संबंधित सामग्री के प्रवाह को रोकने के लिए सोशल मीडिया अकाउंट को उसके उपयोगकर्ताओं के आधार नंबर से जोड़ने की आवश्यकता है।
जागरण संवाददाता, कपूरथला : अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन के डायरेक्टर लीगल सेल पंजाब एडवोकेट विक्रांत राणा ने बताया कि फर्जी खबरों के प्रसार, मानहानि, अश्लील, राष्ट्र विरोधी और आतंकवाद से संबंधित सामग्री के प्रवाह को रोकने के लिए सोशल मीडिया अकाउंट को उसके उपयोगकर्ताओं के आधार नंबर से जोड़ने की आवश्यकता है। यह सुझाव तमिलनाडु सरकार द्वारा दिया गया है, जिसका फेसबुक इस आधार पर विरोध कर रहा है कि 12-अंकों की आधार संख्या को साझा करने से उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता नीति का उल्लंघन होगा। राणा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट फेसबुक की उस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया, जिसमें फेसबुक अकाउंट को आधार से लिक करने से जुड़े कई मामलों को हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की गई है। ये मामले अभी मद्रास, मुंबई और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में लंबित हैं। उन्होंने बताया कि सरकार को चाहिए कि मोबाइल कंपनियों से कहे कि वे अपने सभी नंबरों की केवाईसी पूरी करवाएं। जिन नंबरों की केवाईसी तय तारीख के अंदर न हो उन्हें बंद कर दिया जाए। इससे नकली पहचान से लिए गए मोबाइल नंबर तुरंत बंद हो जाएंगे और सरकार के पास एक-एक यूजर की जानकारी भी होगी। मोबाइल कंपनियां मदद करें। कोर्ट इस संबंध में ट्राइ और कंपनियों को आदेश दे कि तय समय सीमा के अंदर केवाइसी पूरी कर ले तो हर यूजर वेरिफाइड होगा और ऐसे में आधार को सोशल मीडिया से लिक करने के लिए तमिलनाडु सरकार ने जो तर्क दिया है उसकी जरूरत ही नहीं पड़ेगी। इस मामले में फेसबुक, वॉट्सएप, गूगल, यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित सभी याचिकाकर्ताओं और सरकार को नोटिस जारी किया है, जिसके लिए 2 सितंबर तक का समय दिया गया है। 13 सितंबर को इस मामले की अगली सुनवाई होगी।