आंख पर पंट्टी बांध घास और पराली से बनाया एक ओंकार
राजपुरा निवासी अभिषेक चौहान पांच वर्षों से आंखों पर पट्टी बांध कर आकर्षक कलाकृतियां बनाकर समाज को जागरूक कर रहे हैं।
संवाद सहयोगी, सुल्तानपुर लोधी : राजपुरा निवासी अभिषेक चौहान पांच वर्षों से आंखों पर पट्टी बांध कर आकर्षक कलाकृतियां बनाकर समाज को जागरूक कर रहे हैं। श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर प्रदेश सरकार ने सुल्तानपुर लोधी में प्रदर्शनी लगाई थी जिसके बाद अभिषेक सुर्खियों में आया था। उस वक्त भी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने महल के लिए अभिषेक द्वारा पराली से बनी हुई कलाकृतियां लेकर गए थे। अभिषेक ने आंख पर पंट्टी बांध कर प्रदर्शनी में पराली से कई सजावट के समान तैयार किया था। अब अभिषेक चौहान ने एक बार फिर कुछ अलग कर दिखाया है जिसके चलते उस का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में भी दर्ज है। उसने आंखों पर पट्टी बांध कर पराली से धार्मिक चिन्ह एक ओंकार की सरंचना की है। अभिषेक ने 11000 बार घास और पराली को मोड़कर इक ओंकार बनाया है और उसे सुल्तानपुर लोधी में एतिहासिक गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में समर्पित किया है।
शुक्रवार को गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में अभिषेक चौहान नतमस्तक हुए और उन्होंने दरबार साहिब में धार्मिक चिन्ह समर्पित किया। गुरुद्वारा बेर साहिब के मैनेजर सतनाम सिंह और एडिशन हेड ग्रंथि हरजिदर सिंह ने अभिषेक को सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया गया। उनके साथ उनकी माता लीला रानी, अबविदर सिंह कांग ,गुरदेव सिंह ढिल्लों, सुखदेव सिंह, चरनजीत सिंह, कृपाल सिंह, दविदर सिंह, प्रिसिपल कुलवंत सिंह व अन्य उपस्थित थे।
कोट्स
अभिषेक चौहान जैसे कलाकार हमेशा तरक्की करते हैं। आंखों पर पट्टी बांधकर जो कार्य नहीं कर सकते हैं वह आज अभिषेक चौहान कर दिखाया है।
--मैनेजर सतनाम सिंह।
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दस घंटे का लगा समय
अभिषेक के अनुसार वह बरसों से यह कार्य नेत्रहीन लोगों को उत्साहित करने के लिए कर रहा है। यह कला अपने अपने दादाजी श्रीराम चंद से सीखी है। पराली को मोड़कर एक ओंकार बनाने में उसको लगभग 10 घंटे का समय लगा है। इसकी डिजाइनिग करने के लिए तीन महीने का समय लगा है। उसको प्रधानमंत्री व राज्य सरकार से पुरस्कार मिल चुका है।