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पंजाब के युवा पूरा नहीं कर पा रहे हेलीकॉप्टर उड़ाने का ख्वाब, प्रदेश में एक भी ट्रेनिंग स्कूल नहीं

हेलीकॉप्टर ट्रेनिंग संस्थान के अभाव में मजबूरी में युवाओं को विदेश का भी रुख करना पड़ता है क्योंकि देश भर में भी हेलीकॉप्टर ट्रेनिंग से संबंधित संस्थान बेहद सीमित संख्या में ही है

By Vikas_KumarEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 09:58 AM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 09:58 AM (IST)
पंजाब के युवा पूरा नहीं कर पा रहे हेलीकॉप्टर उड़ाने का ख्वाब, प्रदेश में एक भी ट्रेनिंग स्कूल नहीं
पंजाब के युवा पूरा नहीं कर पा रहे हेलीकॉप्टर उड़ाने का ख्वाब, प्रदेश में एक भी ट्रेनिंग स्कूल नहीं

जालंधर, [मनुपाल शर्मा]। उम्दा भविष्य की प्रबल संभावनाओं के बावजूद पंजाब के युवा हेलीकॉप्टर पायलट बनने का अपना ख्वाब पूरा नहीं कर सकते हैं। पंजाब भर में हेलीकॉप्टर पायलट तैयार करने के लिए एक भी निजी अथवा सरकारी संस्थान मौजूद नहीं है। पंजाब में इस समय फिक्स विंग एयरक्राफ्ट्स के लिए पायलट तैयार करने के लिए पटियाला, साहनेवाल (लुधियाना) एवं राजासांसी (अमृतसर) में फ्लाइंग क्लब मौजूद हैं।

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हेलीकॉप्टर ट्रेनिंग संस्थान के अभाव में मजबूरी में युवाओं को विदेश का भी रुख करना पड़ता है, क्योंकि देश भर में भी हेलीकॉप्टर ट्रेनिंग से संबंधित संस्थान बेहद सीमित संख्या में ही हैं। कोई ट्रेनिंग संस्थान उपलब्ध न के चलते युवाओं को हेलीकाप्टर पायलट बनने संबंधी प्राथमिक जानकारी भी नहीं मिल पाती है, जिस कारण के युवाओं को तो हेलीकॉप्टर पायलट बनने का अपना सपना ही छोड़ देना पड़ता है।

फिक्स विंग एयरक्राफ्ट की तुलना में सस्ते मूल्य, कम जगह और सीमित संसाधनों में हेलीकॉप्टर संचालन संभव होने के चलते देश में इस समय हेलीकॉप्टर इंडस्ट्री तेज़ी से उभर रही है। छोटे औद्योगिक घरानों से लेकर बड़ी तेल कंपनियां और राज्य सरकारें तो हेलीकॉप्टर संचालन कर ही रही हैं, देश के सुदूरवर्ती हिस्सों में भी हेलीकॉप्टर संचालन तेजी से बढ़ रहा है। इस समय देश की पर्यटन इंडस्ट्री और धार्मिक यात्राओं में भी हेलीकॉप्टर का विशेष महत्व है। हेलीकॉप्टरों की संख्या बढ़ने से पायलटों की मांग में भी इजाफा हो रहा है, लेकिन कम संख्या में ही पायलट उपलब्ध हो पा रहे हैं।

यही वजह है कि अधिकतर सिविल हेलीकॉप्टर पायलट सेना अथवा एयरफोर्स के पूर्व अधिकारी ही नजर आते हैं, जो रिटायरमेंट के बाद निजी क्षेत्र में बतौर हेलीकॉप्टर पायलट अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पंजाब सरकार के भी वीआईपी बैल 429 हेलीकॉप्टर को भी पूर्व सैन्य अधिकारी ही उड़ा रहे हैं। इंजीनियर रितिश शर्मा ने बताया कि वह हेलीकॉप्टर पायलट बनना चाहते थे, लेकिन 12वीं करने के बाद वह काफी समय तक हेलीकॉप्टर ट्रेनिंग संस्थान को ही ढूंढते रहे। पर्याप्त जानकारी न मिलने के चलते उन्हें हेलीकॉप्टर पायलट बनने का सपना छोड़ ही देना पड़ा और फिर मजबूरी में इंजीनियरिंग ही करनी पड़ी। पंजाब सिविल एविएशन विभाग के पास फिलहाल राज्य में हेलीकॉप्टर ट्रेनिंग शुरू करने संबंधी कोई जानकारी नहीं है।


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