दस साल में पांच गुणा महंगा हुआ मोटापा कम करने का इलाज, बिना खर्च ऐसे कम करें मोटापा
World Obesity Day मोटापा कम करने के लिए इलाज पिछले दस साल में पांच गुणा मोटा हो चुका है। यही नहीं हेल्थ फूड कंपनियों को कमाई का नया मौका दिया है।
जालंधर [जगदीश कुमार]। World Obesity Day: कृषि प्रधान प्रदेश पंजाब फिटनेस को लेकर बादशाह माना जाता था। आधुनिकता के युग में आराम परस्त व खेतों में मशीनी युग ने लोगों को मोटापे के चक्रव्यूह में फंसा दिया है। तेजी से बढ़ रहे मोटापे ने लोगों को शुगर, हाई ब्लड प्रेशर तथा दिल की गंभीर बीमारियों का शिकार बनाया है। वहीं मोटापा कम करने के लिए इलाज भी पिछले दस साल में पांच गुणा 'मोटा' हो चुका है। यही नहीं हेल्थ फूड कंपनियों को कमाई का नया मौका दिया है और विदेशी व स्वदेशी कंपनियों को बड़ा बाजार मिल गया है।
खेतीबाड़ी के माहिर जमींदार रोशन सिंह आधुनिक मशीनरी व लेबर पर निर्भर हो चुके हैं। उन्हें आराम परस्ती की जिंदगी के मजे के साथ मोटापा उपहार में मिला है। मोटापे और मधुमेह के शिकार रोशन सिंह ज्यादा खर्च कर बेहतर स्वास्थ्य हासिल करने में विश्वास रखते हैं। हेल्थ फूड के ब्रांड कितने विश्वसनीय हैं लोग इस को नहीं जानते परंतु स्वास्थ्य के लिए अतिरिक्त 25-30 फीसद अधिक खर्च करने को तैयार हैं। डाॅक्टरों की मानें तो पैसे की होड़ में लोग आराम तलब जीवनशैली के आदी हो चुके हैं। मोटापा और मधुमेह नई जीवनशैली की बीमारियां हैं। बीमारियों की बदौलत लोगों की शापिंग लिस्ट में ज्वार, दही और विटामिन की बोतलें नजर आने लगी हैं।
करियाना स्टोरों पर चमकी 'डाइट'
पंजाब करियाना मर्चेट एसोसिएशन के सचिव नरेश गुप्ता की मानें मोटापे से निजात पाने के लिए 2012-13 में फूड सेक्टर ने करियाना दुकानों में अच्छी खासी जगह बना ली है। राज्य में फूड कारोबार के करीब 15-20 फीसद हिस्से पर हेल्थ फूड का कब्जा है। कृषि प्रधान प्रदेश में लोग अंकुरित गेहूं, अंकुरित चने, सोया आधारित फूड और ड्रिंक प्रोडक्ट और प्रोबायोटिक दही के दीवाने हो चुके हैं। राज्य के महानगरों में खुल रहे शापिंग सेंटरों व सुपर बाजारों के रैकों पर तरह-तरह की जड़ों का पाउडर, हर्बल चाय और अनेक प्रकार के शाखा व मांसाहारी सूप की तादाद बढऩे लगी है।
मोटापे पर सर्जरी का प्रभाव
मोटापे को कम करने के लिए ब्रियाट्रिक सर्जरी करने वाले सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. जसमीत सिंह आहलुवालिया का कहना है कि मोटापे से निजात पाने के लिए काॅस्मेटिक्स तथा ब्रियाट्रिक सर्जरी करवाने का प्रचलन भी बढ़ रहा है। पिछले दस साल में सर्जरी करवाने को लेकर लोगों में रूझान बढ़ा है। 37.5 बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) या शूगर व ब्लड प्रेशर वाले मरीज को 32.5 बीएमआई वालों को ब्रियाट्रिक सर्जरी की सलाह दी जाती है। ब्रियाट्रिक सर्जरी 1.5 से 3.5 लाख रुपये प्रति मरीज खर्च का अनुमान है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक वर्ष 2005 में एशिया और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र की 33 फीसद आबादी मोटी थी। वर्ष 2015 में 53 फीसद पुरुष और 44 फीसद महिलाएं मोटी हो जाएंगी।
मोटापे पर काबू पाएं तो कैसे
- जीवनशैली को और अधिक एक्टिव बनाएं।
- हर समय कुछ न कुछ खाने की आदत बदलें।
- जरूरत के अनुसार खाएं व खाने पीने की आदतों में बदलाव करें।
- वेट मैनेजमेंट प्रोग्राम शुरू करें।
- कैलोरी की संख्या घटाए व वसायुक्त आहार कम करें व फास्ट फूड से परहेज करे।
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