'शिक्षक को बहुमुखी, चुस्त व रचनात्मक होना चाहिए'
शिव ज्योति पब्लिक स्कूल में 'शिक्षा का वर्तमान एवं भविष्य' विषय पर एक वर्कशॉप करवाई गई।
जागरण संवाददाता, जालंधर : शिव ज्योति पब्लिक स्कूल में 'शिक्षा का वर्तमान एवं भविष्य' विषय पर एक वर्कशॉप करवाई गई। वर्कशॉप का उद्घाटन स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के चेयरपर्सन कृष्णा ज्योति, डॉ. विधुर ज्योति, डॉ. सुविक्रम ज्योति, ¨प्रसिपल डॉ. रवि सुता, संजय सभ्रवाल ने ज्योति प्रज्ज्वलित करके किया। वर्कशॉप में विभिन्न कॉलेजों व स्कूलों के ¨प्रसिपल पहुंचे। ¨प्रसिपलों ने बताया कि टीम वर्क से किया काम बेहतर होता है। शिक्षण पद्धति को बेहतर व सुचारू करने के लिए अन्य सहयोगी साथियों की जरूरत होती है। लर्निंग प्रोसेस को बेहतर बनाना होगा ताकि बच्चों को पढ़ाए जाने वाला मटीरियल समझ आ सके।
हर शिक्षक में नेतृत्व की गुणवत्ता होनी चाहिए : डॉ. अतिमा
केएमवी की ¨प्रसिपल डॉ. अतिमा शर्मा ने कहा-आज के परिदृश्य में एक शिक्षाविद् में नेतृत्व की क्षमता के साथ-साथ परिस्थियों के अनुरूप पहल करने की योग्यता होनी चाहिए। हर शिक्षक में नेतृत्व की गुणवत्ता होनी चाहिए। शिक्षक ही कक्षा को लीड करके बढि़या ढंग से पढ़ा सकता है।
वातावरण बच्चों के विकास पर केन्द्रित हो : डॉ. रेखा
एचएमवी की पूर्व ¨प्रसिपल डॉ. रेखा कालिया भारद्वाज ने कहा-टीम वर्क के साथ काम होना चाहिए। स्कूल का वातावरण बच्चों के विकास पर केन्द्रित होना चाहिए। संचालक कार्य पारदर्शी होना चाहिए। बेहतर वातावरण ही बच्चे का सर्वपक्षीय विकास कर सकता है।
बच्चों में हो रहा नैतिक मूल्यों का पतन : प्रिं. धीरज
इनोसेंट हार्ट्स स्कूल के ¨प्रसिपल धीरज बनाती ने कहा-वर्तमान समय में संयुक्त परिवारों का स्थान एकलपरिवारों ने ले लिया है। बच्चों में नैतिक मूल्य खत्म हो रहे हैं। शिक्षक को बहुमुखी, चुस्त एवं रचनात्मक होना चाहिए।
शिक्षा को व्यवसाय के नजरिए से ना देखें : डॉ. रवि
शिव ज्योति पब्लिक स्कूल के ¨प्रसिपल डॉ. रवि सुता ने कहा-आज हमें शिक्षा को व्यवसाय के नजरिए नहीं देखना चाहिए, बल्कि सेवाभाव के मिशन से देखना चाहिए। शिक्षकों को कक्षा में पढ़ाई के साथ-साथ नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाना चाहिए।