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समलैंगिक सब इंस्पेक्टर का विदेश में हनीमून खटाई में, जानेंं क्‍यों टूटा दोनों का सपना

पंजाब के जालंधर की एक सब इंस्‍पेक्‍टर ने अपनी महिला मित्र से समलैंगिक शादी रचा ली। दोनों कनाडा जाकर हनीमून मनाना चाहती थीं लेकिन उनका यह सपना टूट गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 08 May 2019 09:30 AM (IST)Updated: Wed, 08 May 2019 08:23 PM (IST)
समलैंगिक सब इंस्पेक्टर का विदेश में हनीमून खटाई में, जानेंं क्‍यों टूटा दोनों का सपना
समलैंगिक सब इंस्पेक्टर का विदेश में हनीमून खटाई में, जानेंं क्‍यों टूटा दोनों का सपना

जालंधर, [मनीष शर्मा]।  समलैंगिक विवाह करने वाली सब इंस्पेक्टर मनजीत और सीरत का विदेश हनीमून मनाने का सपना टूटता लग रहा है। इसमेें कानूनी अड़चन के कारण उनको कनाडा जाने का वीजा मिलने में बाधा आ गई है। उनकी शादी को कानूनी मान्यता नहीं मिल पा रही है। 

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हनीमून मनाने को कनाडा जाने के लिए पति-पत्नी के तौर पर अप्लाई किया था वीजा

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सितंबर में समलैंगिक संबंधों को अपराध मानने के फैसले को रद कर दिया था लेकिन समलैंगिक शादी को कोई कानूनी दर्जा नहीं दिया। इसी वजह से समलैंगिक शादी करने वाले मनजीत और सीरत का कनाडा जाकर हनीमून मनाने का सपना टूट गया।

मैरिज एक्ट के किस प्रोविजन के तहत रजिस्टर्ड करें मैरिज, असमंजस में प्रशासन

दोनों ने पति-पत्नी के तौर पर वीजा के लिए अप्लाई किया तो कनाडा एंबेसी ने उनसे मैरिज सर्टिफिकेट मांगा। इसके बाद दोनों ने अपनी शादी को रजिस्टर्ड कराने के लिए जालंधर के डिप्टी कमिश्नर दफ्तर में आवेदन किया था। डीसी ऑफिस के अफसरों को भी समझ नहीं आ रहा कि समलैंगिक शादी को कंपलसरी रजिस्ट्रेशन ऑफ मैरिज एक्ट के किस प्रोविजन के तहत रजिस्टर्ड करें? इसके लिए अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को देखतेहुए कानूनी सलाह मांगी है।

एडीसी जसबीर सिंह ने कहा कि अभी हम यह पता लगा रहे हैं कि समलैंगिक शादी को किस एक्ट के तहत रजिस्टर्ड किया जा सकता है। इसके लिए अलग से एक्ट में कोई प्रोविजन नहीं है, इसलिए हमने कानूनी सलाह मांगी है। 

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 पिछले साल की थी शादी

जेल में तैनात 44 साल की सब इंस्पेक्टर मनजीत और 28 साल की सीरत संधू ने पिछले साल अप्रैल में शादी कर ली थी। दोनों की मुलाकात जेल में हुई थी। जहां मनजीत जेल अफसर थी और सीरत वहां पति की हत्या के आरोप में बंद थी। जब मनजीत और सीरत ने अप्रैल 2018 में शादी की, तब समलैंगिक विवाह अपराध था। अब भले ही सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से हटा दिया हो लेकिन ऐसे जोड़ों का पति-पत्नी के रूप में रहना संभव नहीं।

असल में कानूनी तौर पर सरकार की तरफ से ऐसा कोई प्रोविजन नहीं किया गया, जिसके मुताबिक इनकी शादी को कानूनी मान्यता मिल सके। इसी वजह से मनजीत कानूनी तौर पर अपने कागजों में सीरत को नॉमिनी भी नहीं बना सकती और उसे उसकी नौकरी के बदले में कोई फायदा भी नहीं मिल सकता। अलग-अलग दोनों कनाडा भी नहीं जा सकते क्योंकि सीरत के पास न नौकरी है और न ही प्रॉपर्टी।

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