Move to Jagran APP

उल्टा चश्माः राजनीति का शिकार हुई मकसूदां मंडी, दो गुटों में बंटे आढ़ती

आढ़ती अब यह फडिय़ां अलग-अलग जगह पर लगाने का जोर लगा रहे हैं। एक गुट फडिय़ां पुरानी जगह पर ही दोबारा तो दूसरा गुट इसे मंडी के पीछे पड़ी जगह पर शिफ्ट करने का जोर लगा रहा है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 09:55 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 09:55 AM (IST)
उल्टा चश्माः राजनीति का शिकार हुई मकसूदां मंडी, दो गुटों में बंटे आढ़ती
उल्टा चश्माः राजनीति का शिकार हुई मकसूदां मंडी, दो गुटों में बंटे आढ़ती

जालंधर, [शाम सहगल]। मकसूदां सब्जी मंडी में रिटेल की फडिय़ां शुरू करवाने के लिए आढ़तियों ने दिन रात एक कर दिया। जिला प्रशासन से लेकर नेताओं तक पहुंच बनाने के बाद प्रशासन ने इसकी मंजूरी भी दे दी। अब यही प्रोजेक्ट राजनीति का शिकार होकर रह गया है। कारण दो गुटों में बंटे आढ़ती अब यह फडिय़ां अलग-अलग जगह पर लगाने का जोर लगा रहे हैं। एक गुट फडिय़ां पुरानी जगह पर ही दोबारा तो दूसरा गुट इसे मंडी के पीछे पड़ी जगह पर शिफ्ट करने का जोर लगा रहा है। अब भी जोर उतना ही लग रहा है जितना प्रशासन को मंजूरी के लिए मनाने में लगा था। मंडी बोर्ड ने इस विवाद को विराम लगाने के लिए एक जगह पर निशानदेही भी कर दी है, इसके बावजूद दोनों गुटों में ठनी हुई है। इस पूरी राजनीति में आढ़तियों का तो कुछ जा नहीं रहा है लेकिन पिस छोटे दुकानदार रहे हैं।

loksabha election banner

मक्कड़ के बल पर राज

लायंस क्लब इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 के उप गवर्नर द्वितीय के चुनाव पहली बार ई-वोटिंग से हुए। अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्वयंसेवी संस्था में गवर्नर पद का एकमात्र ऐसा चुनाव है, जिसमें कई दिन पहले उम्मीदवार वोटरों को लुभाने के लिए कई तिकड़म लड़ाने शुरू कर देते हैं। कर्फ्यू व लॉकडाउन के बीच ऐसा एक दूसरे से मिलना संभव ना था तो प्रचार के लिए सोशल मीडिया का खूब इस्तेमाल हुआ। लेकिन टांडा उड़मुड़ के बलराज कुमार ने 'हाथी के पांव में सब का पांव' वाली कहावत को आत्मसात करते हुए सबसे पहले मौजूदा गवर्नर गुरमीत मक्कड़ को साधा। मक्कड़ का साथ मिला तो जीत की डगर आसान हो गई। बलराज ने मेहनत तो की लेकिन मक्कड़ का साथ उन्हें बोनस के रूप में मिला। नतीजा यह रहा है कि क्लब के मात्र चार साल के सफर में बलराज ने पिछले दस साल से क्लब में डटे दविंदर पाल को पटखनी दे दी।

कांग्रेसियों ने खत्म किया वर्चस्व

दी होलसेल क्लॉथ मर्चेंट एसोसिएशन पर पिछले कई वर्षों से पूर्व विधायक मनोरंजन कालिया के करीबी भाजपा नेता अनिल सच्चर का कब्जा था। एसोसिएशन पर भाजपा के स्वामित्व की मुहर भी लगी हुई थी। एसोसिएशन की हर गतिविधि में भाजपा का हस्तक्षेप रहता था। लेकिन कांग्रेसियों को यह सब नागवार गुजरता था। ऐसे में उन्होंने एसोसिएशन को भाजपा मुक्त करवाने के लिए चाल चल दी। इसमें वह सफल भी हो गए और रमन अरोड़ा को प्रधान बना दिया। जब रमन अरोड़ा को प्रधान बनाने की कवायद चल रही थी तो मौके पर कांग्रेस विधायक राजिंदर बेरी, पार्षद शैरी चड्ढा व पार्षद पति अनूप पाठक को देख सबको असली कहानी समझ में आई कि इस सारी कहानी के पीछे असली किरदार कौन था। हालांकि नए प्रधान को बधाइयां देने पूर्व विधायक कालिया से लेकर केडी भंडारी तक तक भी आए लेकिन सब वर्चस्व खत्म होता देख बुझे मन से लौट गए।

गुड़ मंडी के नए 'नरेश'

कफ्र्यू तथा लॉकडाउन में सबसे अधिक गुड़मंडी में कारोबार प्रभावित हुआ। कारण, इलाके को कंटेनमेंट जोन में शामिल कर दिया गया था। इससे कारोबारियों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई। समस्या की वजह यह थी कि कफ्र्यू के दौरान प्रशासन ने लोगों को किरयाना की होम डिलीवरी के लिए इस इलाके की कई दुकानों को सूचीबद्ध किया था। दुकानदारों ने राशन का भारी स्टॉक जमा कर लिया था। लेकिन कुछ दिन बाद इलाका कंटेनमेंट जोन में डाल दिया तो दुकानें प्रशासन ने बंद करवा दीं। दुकानदारों की परेशानी बढ़ गई। सभी ने रिटेल किरयाना शॉपकीपर एसोसिएशन के प्रधान नरेश गुप्ता के समक्ष व्यथा रखी। नरेश गुप्ता ने सियासतदानों से लेकर अफसरशाही तक पहुंच लगाई। आखिर में उन्हें कामयाबी भी मिली। प्रशासन ने इलाके को कंटेनमेंट जोन से बाहर कर व्यापारियों को राहत दे दी। तब से नरेश गुप्ता गुड़ मंडी के 'नरेश' के नाम से पहचाने जाने लगे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.