पंजाब में बारिश का कहर, पांच की मौत, नदियों का जलस्तर बढ़ा, खाली कराए गए 186 गांव
भाखड़ा बांध से लगातार तीसरे दिन पानी छोड़ना पड़ा। इससे सतलुज समेत कई नदी-नाले उफान पर हैं। पंजाब में करीब 186 गांव खाली करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
जेएनएन, जालंधर। पंजाब में शनिवार रात को हुई जोरदार बारिश के कारण पंजाब में पांच लोगों की जान चली गई। खन्ना (लुधियाना) के गांव हौल में जर्जर घर की छत गिरने से दंपती व उनके बेटे की मलबे में दबने से मौत हो गई, जबकि 11 साल की बच्ची बाल-बाल बच गई। लुधियाना के ही माछीवाड़ा साहिब में सतलुज किनारे बसते गांव मंड सुक्खेवाल में घर की छत गिरने से 70 वर्षीय किसान अनोख सिंह की मलबे में दबकर मौत हो गई। रूपनगर के नूरपुर बेदी में स्कूल में पानी घुसने से चौकीदार की तीन साल की बच्ची डूब गई।
दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश में जारी बारिश के कारण भाखड़ा बांध से लगातार तीसरे दिन पानी छोडऩा पड़ा। इससे सतलुज समेत कई नदी-नाले उफान पर हैं। करीब 186 गांव खाली करवाए जा रहे हैं। इनमें जालंधर के 81, नवांशहर के 67, फिरोजपुर के 17, लुधियाना के 17 व मोगा के चार गांव शामिल हैं। लोगों को राहत कैंपों में भेजा गया है। रूपनगर के 28 गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति है। रेलवे ट्रैक पर पानी होने के कारण हिमाचल एक्सप्रेस रद कर दी गई है। गुरदासपुर के मकौड़ापत्तन में रावी नदी के पार फंसे 15 शिक्षकों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
भारत की तरफ से रविवार को सतलुज दरिया पर फिरोजपुर में बने हुसैनीवाला हेड के गेट खोल दिए गए। रविवार दोपहर तक 30 हजार क्यूसिक पानी पाकिस्तान को छोड़ा गया। इससे पाकिस्तान में भी बाढ़ के हालात पैदा हो जाएंगे। हालात को देखते हुए सेना-बीएसएफ अलर्ट पर हैं। रविवार को तरनतारन के हरीके पत्तन हेड वक्र्स से भी पाकिस्तान को 70,613 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। इससे लोगों में भय बना हुआ है।
लुधियाना में सतलुज का पानी खतरे के निशान से मात्र दो प्वाइंट नीचे है। 1988 के बाद पहली बार इतनी भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है। सेना हेलीकॉप्टर से नजर रख रही है। कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु ने दरिया के किनारे जायजा लिया है। उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री हालात पर बराबर नजर रख रहे हैं। पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।
अमृतसर के वार्ड नंबर 40 के गुर्जरपुरा इलाके में एक पुराने मकान की छत गिर जाने से परिवार के तीन लोग जख्मी हो गए। घायलों में 14 वर्षीय एक किशोर भी शामिल है। तरनतारन में प्रशासन ने लोगों को ठीकरी पहरा लगाने के लिए कहा है।
समय से पहले नहीं की तैयारी: सुखबीर
शिअद अध्यक्ष व सांसद सुखबीर बादल ने कहा कि बांधों का पानी छोडऩे से कई इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए है। सरकार ने पहले कोई तैयारी नहीं की। कैप्टन आराम से सोए रहे।