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गुरु घर में हो रही 'नीर' की रक्षा, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा धरती तक पहुंचाया पानी Jalandhar News

आठ गुणा आठ एरिया में लगे वाटर हार्वेंस्टिग प्लांट में नौ गुणा नौ की विशाल पाइप बिछाई गई है। सिस्टम के ऊपर मजबूत ढक्कन लगाए गए हैं जिससे गंदगी प्रवेश नहीं कर पाती।

By Edited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 10:07 AM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 04:37 PM (IST)
गुरु घर में हो रही 'नीर' की रक्षा, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा धरती तक पहुंचाया पानी Jalandhar News
गुरु घर में हो रही 'नीर' की रक्षा, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा धरती तक पहुंचाया पानी Jalandhar News

जालंधर [शाम सहगल]। 'पवन गुरु, पानी पिता, माता धरत महत' श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की वाणी का यह श्लोक समूची मानवता को प्राकृतिक स्त्रोतों की रक्षा करने को प्रेरित कर रहा है। जिसमें पवन यानि वायु को गुरु, पानी को पिता तथा धरती को मां का दर्जा दिया गया है। ऐसा हो भी क्यों न। इन तीनों स्त्रोतों के बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

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श्री गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी के इस श्लोक को शहर के गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा मॉडल टाउन में जीवंत किया है। गुरु घर में धर्म के प्रचार तथा अध्यात्मिकता के ज्ञान के साथ-साथ प्राकृतिक स्त्रोतों की रक्षा के लिए भी प्रेरित किया जाता है। इसके लिए गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा बकायदा वाटर हार्वेंस्टिग प्लांट लगाकर बारिश के पानी को 200 फीट से भी अधिक गहराई में धरती तक पहुंचाया जा रहा है। यही नहीं, गुरु घर में नतमस्तक होने के लिए आने वाली संगत को भी जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया जाता है।

गुरु सिंह सभा मॉडल टाउन के प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष अजीत सिंह सेठी।

प्रबंधक कमेटी के प्रधान अजीत सिंह सेठी खुद कंस्ट्रक्शन कारोबार से जुड़े रहे हैं। साथ ही उन्हें देश के उन इलाकों में भी भ्रमण करने का अवसर मिला, जहां पर पानी की किल्लत 12 महीने रहती है। यही कारण रहा कि जल के महत्व तथा उसकी उपयोगिता को लेकर वह सदैव जागरूक रहे।

धरती के 200 फीट नीचे तक पहुंचाया जा रहा है पानी

अजीत सिंह सेठी बताते हैं कि बारिश के पानी को वाटर हार्वेंस्टिग सिस्टम के तहत धरती के नीचे 200 फीट तक पहुंचाया जा रहा है। सतह तक पहुंचाने के साथ साथ इसे स्वच्छ करने के लिए भी प्रबंध किए गए हैं। जिसके तहत पहले बारिश के पानी को कोर सेंट (मोटी रेत) और फिर बजरी की प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है। इससे इस जल का पुन: इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं, धरती की नमी भी बनी रहती है। आठ गुणा आठ एरिया में लगाए गए वाटर हार्वेंस्टिग प्लांट में नौ गुणा नौ की विशाल पाइप बिछाई गई है। वही सिस्टम के ऊपर रोड गली वाले मजबूत ढक्कन लगाए गए हैं, जिससे गंदगी प्रवेश नहीं कर सकती।

खत्म की जलभराव की समस्या

गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा तीन वर्ष पूर्व वाटर हार्वेंस्टिग प्लांट लगाया गया था। इससे पूर्व मॉडल टाउन गुरुद्वारा के आगे बारिश के दिनों में भारी जलभराव हो जाता था। वाटर हार्वेंस्टिग सिस्टम से अब जलभराव की समस्या भी खत्म हो गई है। इस तरह से वाटर हार्वेंस्टिग सिस्टम का दोहरा लाभ मिल रहा है।

लकड़ी बचाने के लिए लगाई मशीन

गुरुद्वारे में हर पर्व व त्योहार व्यापक स्तर पर मनाए जाने के अलावा तीन समय लंगर तैयार किया जाता है। जिस पर कई क्विंटल लकड़ी जलानी पड़ती थी। प्रबंधक कमेटी के प्रयासों से अब यहां पर रोटियां तैयार करने के लिए इलेक्ट्रिकल मशीन लगाई गई है, जिसमें एक समय में हजारों रोटियां तैयार की जाती हैं।

संगत व स्टूडेंट को कर रहे जागरूक

जल संरक्षण को लेकर प्रबंधक कमेटी द्वारा चलाए जा रहे गुरु अमरदास पब्लिक स्कूल मॉडल टाउन के स्टूडेंट तथा गुरु घर में आने वाली संगत को भी प्रेरित किया जाता है। खुद अजीत सिंह सेठी अभी तक अपने दोस्तों को इसके लिए जागरूक कर वाटर हार्वेंस्टिंग प्लांट लगवा चुके हैं। इसी तरह स्कूल में भी समय-समय पर सेमिनार लगाकर जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया जाता है। इसके अलावा गुरु घर के बाहर निरंतर जल की सेवा की जाती है। जहां राहगीर अपनी प्यास बुझाते हैं।


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