Smart City में शामिल किया जा सकता है Water meter project, 125 करोड़ के खर्च करने पर फंसा पेंच
निगम रिकॉर्ड के मुताबिक शहर में इस समय 156333 पानी के कनेक्शन हैं। इनमें से सिर्फ 8645 कनेक्शनों पर ही वाटर मीटर लगाए गए हैं।
जालंधर, जेएनएन। नगर निगम के सामने शहर में वाटर मीटर पॉलिसी लागू करने में सबसे बड़ी चुनौती वाटर मीटर लगाना है। पॉलिसी लागू करने से पहले इसे तर्कसंगत बनाने के लिए दरों में कमी, वाटर मीटर लगाने की व्यवस्था पर हाल ही में बनी एडहॉक कमेटी ने वीरवार को इस पर विस्तृत चर्चा की है। मेयर जगदीश राजा की अध्यक्षता में हुई पहली मीटिंग में सभी मुद्दे ढूंढ लिए गए हैं और 20 दिसंबर को अगली मीटिंग से पहले इनके हल ढूंढे जाने की जिम्मेवारी कमेटी मेंबर्स, अफसरों और विशेषज्ञों को दी गई है।
वाटर मीटर का खर्च कौन उठाए सबसे बड़ा सवाल
पहली मीटिंग में सबसे बड़ा सवाल यह उठा कि वाटर मीटर का खर्च कौन उठाएगा। निगम रिकॉर्ड के मुताबिक शहर में इस समय 1,56,333 पानी के कनेक्शन हैं। इनमें से सिर्फ 8645 कनेक्शनों पर ही वाटर मीटर लगाए गए हैं। ऐसे में करीब 1.48 लाख कनेक्शनों पर मीटर लगाना बड़ी चुनौती है। इनका खर्च कौन उठाएगा यह सवाल सभी को परेशान कर रहा है। चूंकि कमेटी पूर्ण रूप से राजनीतिक है इसलिए यह सवाल भी उठा कि खर्च जनता पर डाला तो जनता के बीच जाना मुश्किल हो जाएगा। यह चर्चा हुई कि मार्केट में दो तरह के मीटर उपलब्ध हैं।
कुछ ऐसा है गणित
अगर 2500 रुपये वाला सस्ता मीटर लगाया जाता है तो उपभोक्ताओं से एक साल में पानी के बिल में किश्तों के रूप में मीटर के पैसे लिए जा सकते हैं। अगर आठ हजार रुपये से ज्यादा कीमत के चिप वाले स्मार्ट मीटर लगाए जाते हैं तो उपभोक्ता इनता खर्च नहीं उठाएगा। यह भी प्रस्ताव आया है कि स्मार्ट मीटर का प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी कंंपनी के खाते में डाल दिया जाए और सरकारी खर्च पर ही मीटर लग जाए। इस पर करीब 125 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ और नगर निगम के कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा ही हैं। मीटिंग में कमिश्नर ने कहा कि वह यह प्रस्ताव सरकार के आगे रखेंगे। मीटिंग में सीनियर डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर, डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह, कमेटी मेंबर जगदीश दकोहा, बलराज ठाकुर, सुनीता रिंकू, सीनिसर अफसर एएस धालीवाल, मुनीष दुग्गल मौजूद रहे।
स्मार्ट वाटर मीटर से रोजाना खपत और पानी की क्वालिटी भी बताएगा
अगर शहर में पानी के कनेक्शनों पर स्मार्ट वाटर मीटर लगने का प्रपोजल सिरे चढ़ जाता है तो यह कई मायनों में क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है। इससे पानी की खपत पर नियंत्रण होगा। यह रोजाना उपभोक्ता के मोबाइल में दिन भर में हुई खपत का अपडेट देगा। पानी की क्वालिटी की जानकारी भी देगा। चिप वाले स्मार्ट मीटर से कनेक्शन में लीकेज का पता चल जाया करेगा। इससे पानी की खपत में पारदर्शिता रहेगी। वहीं दूसरे मीटर से यह सब नहीं पता चलेगा उल्टा इंस्पेक्टरी राज का खतरा बढ़ जाएगा। मेयर ने कहा कि पानी को बचाना सबसे जरूरी है और जो जितना पानी इस्तेमाल करता है उसका खर्च उसे उठाना ही होगा।
रेट घटाने पर जोर, बकाये की वसूली भी कम हो
मीटिंग में सभी की राय है कि पानी की दरों में कमी की जानी चाहिए। मेयर ने भी कहा है कि दरों को सरल भी किया जाए और अगली मीटिंग से पहले यह भी चार्ट तैयार कर लें कि लोगों को पानी का कितना खर्च पड़ेगा। मेयर ने कहा कि सरफेस वाटर प्रोजेक्ट पर काम करना बेहतर भविष्य के लिए जरूरी है। ऐसे मे मीटर लगाने से नहीं बचा जा सकता। लोगों पर पानी के बिल का बोझ कम करने से पॉलिसी को लागू करना आसान रहेगा। कमेटी मेंबर सुनीता ङ्क्षरकू ने कहा कि पांच मरले से कम के लोगों से अब तक पानी के बिल नहीं लिए जाते हैं ऐसे में बिल लागू करते समय रेट कम होंगे तो बेहतर रहेगा। पानी के पुराने बिलों के बकाया की वसूली को भी कम से कम लिया जाए। इससे लोग आसानी से पैसे देंगे और नए बिलों के मिलने से निगम की इनकम भी बढ़ेगी।
शहर में पानी के कनेक्श्नों का स्टेट्स
घरेलू कनेक्शन
- 5 मरला तक 66603
- 5 से 10 मरला 56426
- 10 मरला से ज्यादा 17310
- मीटर कनेक्शन 1439
कामर्शियल कनेक्शन
- मीटर वाले 6638
बिना मीटर 6694
सबमर्सिबल कनेक्शन
- मीटर वाले 355
- बिना मीटर 568
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें