सरकार पर भारी पड़ी गांव की पंचायत, इस कारण रुका पीएपी-रामामंडी फ्लाईओवर का निर्माण
पंचायत चोलांग ने सड़कें टूट जाने के डर से ठेकेदार को बड़े टिप्पर से मिट्टी उठाने से रोक दिया है। इससे दोनों ही साइट पर काम ठप हो गया है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : जिले की एक ग्राम पंचायत दस दिन से सरकार पर भारी पड़ रही है। ग्राम पंचायत चोलांग ने माइनिंग विभाग से एनओसी प्राप्त होने के बावजूद पीएपी-रामामंडी फ्लाईओवर साइट पर मिट्टी डालने वाले ठेकेदार को बड़े टिप्पर से मिट्टी उठाने से रोक दिया है। गांव वालों का कहना है कि बड़े ट्रक से गांव की सड़कें टूट जाएंगी। इस कारण दोनों ही साइट पर काम ठप हो गया है। डीसी वरिंदर शर्मा ने बीते सप्ताह एसडीएम को ग्राम पंचायत से मुलाकात कर इस विवाद को अतिशीघ्र निपटाने और मिट्टी की लिफ्टिंग शुरू कराने के निर्देश जारी किए थे। इसके बावजूद पंचायत ने अपना फैसला वापस नहीं लिया है।
डीसी की सख्ती के कारण पीएपी फ्लाईओवर का निर्माण मात्र डेढ़ माह में ही कंप्लीशन के बेहद करीब पहुंच चुका था, लेकिन पिछले दस दिन से मिट्टी न डाले जाने के चलते काम लटक कर रह गया है। ठेकेदार प्रेम कुमार ने बताया कि रामा मंडी और पीएपी निर्माण साइट्स का एक सप्ताह से लगभग बंद ही था, क्योंकि छोटे टिप्पर से दिन में तीन-चार चक्कर ही लगाए जा रहे थे और उसमें भी ज्यादा मिट्टी नहीं आ रही थी। रामा मंडी फ्लाईओवर का काम तो पिछले दस दिन से बिल्कुल बंद पड़ा हुआ है। पीएपी फ्लाईओवर साइट पर शनिवार को फिल्लौर के गांव तेहिंग से दस बड़े टिप्पर मिट्टी के लाए गए।
सड़कें टूटने के डर से पंचायत नहीं मान रही
ठेकेदार ने बताया कि एसडीएम फिल्लौर ने गांव पंचायत से मुलाकात की थी, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका है। ग्राम पंचायत का तर्क था कि टिप्पर की आवाजाही से उनके गांव की सड़कें टूट जाएंगी। वहीं, क्षेत्र के विधायक परगट सिंह ने कहा है कि सरकार के पास सड़कें बनाने के लिए फंड नहीं है। अगर ठेकेदार मिट्टी उठाना चाहता है तो ट्रैक्टर ट्राली या छोटे टिप्पर से मिट्टी उठा सकता है।