Move to Jagran APP

निगम कमिश्नर करनेश शर्मा के खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू

जागरण संवाददाता जालंधर नगर निगम कमिश्नर करनेश शर्मा के खिलाफ पद और सरकारी फंड के

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 01:01 AM (IST)
निगम कमिश्नर करनेश शर्मा के खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू
निगम कमिश्नर करनेश शर्मा के खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू

जागरण संवाददाता, जालंधर : नगर निगम कमिश्नर करनेश शर्मा के खिलाफ पद और सरकारी फंड के दुरुपयोग को लेकर दी गई शिकायत पर विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है। वीरवार को विजिलेंस ब्यूरो के डीएसपी ने शिकायतकर्ता आरटीआइ एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह के बयान दर्ज किए। सिमरनजीत सिंह ने शिकायत मे लगाए अपने आरोपों को दोहराया है और कहा है कि आइएएस अधिकारी करनेश शर्मा ने स्मार्ट सिटी कंपनी के फंडों का दुरुपयोग किया है। नगर निगम कमिश्नर के पद का दुरुपयोग करते हुए नियमों को तोड़कर काम किए हैं। इससे नगर निगम, पुडा और स्मार्ट सिटी कंपनी को नुकसान हुआ है।

loksabha election banner

-------

यह बयान दर्ज करवाए - सीईओ के तौर पर आईएएस अधिकारी करनेश शर्मा ने नियम तोड़कर कई सलाहकार रखे हैं और कई रिटायर्ड मुलाजिमों को नौकरी दी है। स्मार्ट सिटी के फंड का गलत इस्तेमाल किया गया है। स्मार्ट सिटी का कार्यालय किसी सरकारी इमारत में भी हो सकता था लेकिन यह प्राइवेट इमारत में महंगे किराए पर खोला गया है। - सरफेस वाटर प्रोजेक्ट के लिए करीब 550 करोड़ के टेंडर के तहत एलएंडटी कंपनी ने पाइपें रखने के लिए स्टोर बनाना था लेकिन कमिश्नर करनेश शर्मा ने सड़कों पर ही पाइप रखने की मंजूरी दे दी है। इस वजह से कंपनी को वित्तीय फायदा कराया गया है। सड़क पर कब्जों से दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं और लोगों की परेशानी बनी हुई है। नकोदर रोड कपूरथला रोड समेत कई सड़कों पर पाइपें डालने के बाद सड़क रिपेयर नहीं की गई। - पुडा के चंडीगढ़ कार्यालय ने डिपार्टमेंट को रिस्ट्रक्चर करते हुए जालंधर डेवलपमेंट अथारिटी के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर का पद खत्म कर दिया था लेकिन अभी भी करीब सात महीने से आईएएस अधिकारी करनेश शर्मा इस पद को नहीं छोड़ रहे। यहां इस पद की जरूरत नहीं है क्योंकि जेडीए में एडिशनल चीफ एडमिनिस्ट्रेटर व एग्जीक्यूटिव अफसर काम देख रहे हैं। कालोनियों में विकास का काम एडीसी को सौंपा गया है। - नगर निगम के कमिश्नर के तौर पर कई सीएलयू पास किए गए हैं और इसमें पुडा के अधिकारी भी शामिल हैं। नगर निगम के भी कई अधिकारी इसमें शामिल हैं और नियम तोड़कर सीएलयू किए गए हैं। - नगर निगम और जेडीए ने खेतों में ही प्लाटों की एनओसी जारी की है। यहां पर अभी कालोनियां विकसित करनी है लेकिन एनओसी लेकर कालोनाइजरों को फायदा पहुंचाया गया है। इससे नगर निगम और पंजाब सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हुआ है। कई बड़े प्रोजेक्ट में शर्तो व नियमों को तोड़ा गया है लेकिन कार्रवाई नहीं की गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.