चिट्टे के केस में फंसाने की धमकी देकर रिश्वत लेता एएसआइ कारिंदे समेत गिरफ्तार
चिट्टे का केस दर्ज करने की धमकी देकर महिला से दस हजार रिश्वत लेते पुलिस कमिश्नरेट के एंटी नारकोटिक्स सेल के एएसआइ सर्बजीत सिंह और उसके का¨रदे को विजिलेंस ने गिरफ्तार किया है।
जेएनएन, जालंधर : चिट्टे का केस दर्ज करने की धमकी देकर महिला से दस हजार रिश्वत लेते पुलिस कमिश्नरेट के एंटी नारकोटिक्स सेल के एएसआइ सर्बजीत सिंह और उसके कारिंदे मुखबिर लुडन को विजिलेंस ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। दोनों महिला के घर रिश्वत की राशि लेने गए थे। दोनों के खिलाफ एंटी करप्शन एक्ट का केस दर्ज किया गया, जिसके बाद उन्हें अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
विजिलेंस ब्यूरो के एसएसपी दलजिंदर सिंह ढिल्लों ने बताया कि सुमन चौहान पत्नी शिवम चौहान निवासी न्यू गांधी नगर गली नंबर तीन, मुसलमान कॉलोनी ने विजिलेंस को शिकायत दी थी कि वह अपने घर में सिलाई का काम करती है। उसका पति के साथ 2013 से तलाक का केस चल रहा है। 2015 में उस पर नशीला पाउडर बेचने का केस दर्ज हुआ था, जिसमें अब वो बरी हो चुकी है। वह अपने मायके में भाई के मकान में रह रही है। जिस मकान में वो रहती है, उसमें तीन कमरे हैं। जिनको किराए पर देकर वो गुजारा कर रही है। चार महीने पहले जनवरी 2019 में उसने अपने घर के ऊपर बने दो कमरे बिंदर पत्नी संजीव कुमार को साढ़े तीन हजार रुपये प्रति महीने किराए पर दे दिए। बिंदर की तीन बेटियां व दो बेटे हैं। बड़े बेटे मोहित के साथ उसका एक दोस्त शिवम अक्सर घर आता-जाता था। करीब 25 दिन पहले से शिवम लगातार दस-बारह दिन उसके घर अक्सर आता-जाता रहा। 23 अप्रैल को जब वो घर से गया तो पांच मिनट बाद एंटी नारकोटिक्स सेल जालंधर शहरी पुलिस में तैनात एएसआइ सर्बजीत सिंह ने उसे फोन किया और कहा कि वो नशे की गोलियां बेचती है। सुमन ने इंकार किया तो थोड़ी देर में वह अपने कारिंदे लुडन को साथ लेकर घर आ धमका।
केस दर्ज करने की दी थी धमकी
उसे धमकाने लगा कि एक लाख रुपये दे नहीं तो उसके खिलाफ चिट्टे का केस दर्ज कर देगा। सुमन ने मिन्नतें की तो वो 50 हजार रुपये मांगने लगे। सुमन ने कहा कि वो गरीब है और बामुश्किल अपना घर चलाती है। इसके बाद दो मई को वह फिर अपने कारिंदे के साथ आया और गंदी शब्दावली का इस्तेमाल करते हुए दस हजार रुपये मांगने लगा। पैसे न देने पर चिट्टे का केस दर्ज करने की धमकी देने लगा। उसने एक-दो दिन का टाइम मांगा। शिकायत के बाद डीएसपी निरंजन सिंह की अगुवाई में इंस्पेक्टर मनदीप सिंह ने एसआइ मनजीतपाल सिंह, एएसआइ जगरूप सिंह, एएसआइ गुरजीत सिंह की टीम बनाई और शेडो गवाह एसडीएम दविंदर पाल, सरकारी गवाह वेटरनरी अफसर डॉ. संजीव कुमार को साथ लेकर ट्रैप लगाया। जिसके बाद दोनों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।
शिकार ढूंढता था लुडन
विजिलेंस जांच में पता चला कि लुडन एएसआइ के लिए मुखबिरी करता था। वो शहर में घूमकर मुखबिरी के जरिए शिकार ढूंढता था। कमजोर लोगों को ढूंढकर एएसआइ को बताता था और उसके बाद एएसआइ पहले फोन पर धमकाता और बाद में घर जाकर पैसों की वसूली करता था।
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