आखिरकार बच्चा वार्ड में इंस्टाल हुआ वेंटिलेटर
मरीजों के बचेंगे हजारों रुपये, थ्री-इन वन वेंटिलेटर में हर उम्र वर्ग को मिलेगा लाभ।
जालंधर : लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार सिविल अस्पताल के बच्चा वार्ड में शुक्रवार को वेंटिलेटर स्थापित कर दिया गया। वेंटिलेटर के पहले दिन कंपनी के इंजीनियरों ने डॉक्टरों को वेंटिलेटर चलाने तथा इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया। गौरतलब है कि पिछले लंबे समय से सिविल अस्पताल के बच्चा वार्ड में वेंटिलेटर की कमी खल रही थी जिसे शुक्रवार को पूरा कर दिया गया है। 20 लाख कीमत की यह वेंटिलेटर मशीन अस्पताल में तीन-चार माह पूर्व पहुंची थी पर इसे इंस्टाल नहीं किया गया था। शुक्रवार को हिमल्टन कंपनी के इंजीनियरों ने पहले दिन डॉक्टरों को इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी। निजी अस्पतालों में मरीज को वेंटिलेटर पर रखने पर चार से पांच हजार रुपये रोजाना खर्च होते है। जबकि, सिविल अस्पताल में वेंटिलेटर शुरू होने से लोगों के हजारों रुपये बच जाएंगे।
जानिए, क्या करता है वेंटिलेटर
जीवन रक्षक वेंटिलेटर आपात स्थिति में इंसान की जान की रक्षा भी करता है। सांप काटने या फिर किसी गंभीर बीमारी के दौरान जब इंसान का सांस रुकने लगता है तो वेंटिलेटर पर लगाया जाता है। यह वेंटिलेटर इंसान के फेफड़ों को ऑक्सीजन देकर जारी रखता है। कृत्रिम तरीके से ऑक्सीजन देने के साथ-साथ दिमाग को भी सिग्नल देता रहता है। वहीं, मरीज की दवाइयां भी चलती रही है, जिससे कई जानें बच जाती है।
वेंटिलेटर मशीन की 5 वर्ष तक सर्विस होगी फ्री
माना जाता है कि सरकारी विभागों में जो चीज एक बार खराब हो जाए, वह लंबी औपचारिकताओं के चलते कई-कई दिनों रिपेयर नहीं हो पाती। इस वेंटिलेटर को कंपनी के साथ 5 वर्ष तक निशुल्क सर्विस करने का करार किया गया है।